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________________ स्त्रियों के अधिकार [ग्यारहया प्रकरण खान-हिन्दु विधवा या दूसरी सीमाबद्ध स्त्री खान खोद कर उसका लाभ अपने काममें लासकती है, मगर शर्त यह है कि वह उस खानको खाली न कर डाले देखो-22 Mad. 126. दफा ६९८ सीमाबद्ध स्त्री मालिककी ज़िन्दगीभरके लिये जाय जादका इन्तकाल - एक हिन्दू विधवा या दूसरी सीमाबद्ध स्त्री मालिक जायदादको, या यदि वह शिरकतमें मालिकहो तो जायदादमेंके अपने स्वार्थको अपनी जिंदगी भरके लिये इन्तकाल कर सकती है. देखो-(विधवा ) रामाकल बनाम रामासानी 22 Mad. 522, हनूमानप्रसादसिंह बनाम भगवतीप्रसाद 11 All. 357. ( दूसरी सीमाबद्ध स्त्री मालिक ) कान्नी अम्मल बनाम अम्मा कान्नूअमल 23 Mad .50 4. ( शिराकतमें जानकीनाथ मुखोपाध्याय बनाम मथवनाथ मुखोपाध्याय 9 Cal. 580; 12 C. L. R. 15; हरीनरायन बनाम विटे 31 Bom. 560; 9 Bom. L. R. 1049; 23 Mad. 504. यदि उसने सारी जायदादका इन्तकाल किया हो और यह इन्तकाल ज़रूरतोंके लिये या दूसरी गरजसे किया गया हो, तो रिवर्जनर वारिस उसके पाबन्द समझे जायँगे, और अगर कानूनन् इन्तकालके समय वैसी ज़रूरत न हो तो वह इन्तकाल उस स्त्रीकी जिन्दगी भर तकके लिये ही समझा जायगा उस स्त्रीके मरते ही मंसूख हो जायगा देखो-26 Mad. 334 26 Mad 143; मुन्नालाल चौधरी बनाम गजराजसिंह 17 Cal. 246 रामचन्द्र मंकेश्वर बनाम भीमराव रावजी | Bom. 577; 6 Bom. H.C.A. C. 270; प्रागदास बनाम हरीकृष्ण 1 All. 503; -यदि विधवाकी हैसियतसे उसने वह जायदाद वरासतमें पायी हो तो उसका किया हुअा वसा इन्तकाल विधवा के पुनर्विवाह तक जायज़ माना जायगा, देखो-1 Bom. L. R. 201. जब किसी इन्तज़ाममें यह शर्त रखी गयी हो कि विधवा जायदादका इन्तकाल न करे तो उसमें यह भी नियम लागू होगा, चाहे उस इन्तज़ाम में साफ तौरसे यह न कहा गया हो कि विधवा अपनी जिन्दगीभर जायदाद का इन्तकाल न करे, देखो-कोई समझौता:इन्तकालकी हद्द तक पहुंच सकता है और नहीं भी पहुंच सकता यह सव बातें हर मामलेकी सूरतों पर निर्भर हैं 83 Mad. 473. दफा ६९९ डिकरी द्वारा कुकी सीमाबद्ध मालिक के निजका लाभभी डिकरी द्वारा कुर्क और बेचा जा सकता है, देखो--एक्ट नं0 5 सन् 1908 ई० की दफा 60.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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