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४ पितृ ५ पितामह ६ प्रपितामह
७ मातृ
८ पितामही & प्रपितामही
१० मातामह
११ प्रमातामह
१२ वृद्ध प्रमातामह
१३ मातामही
१४ प्रमातामही १५ वृद्ध प्रमातामही
१६ पुत्री- दुहि १७ दौहित्र
१५ मातुल
१६ भ्राता
२० भ्रातृ पुत्र २१ भगिनी
२२ भागिनेय
२३ मातृष्वसृसुत २४ पितृष्वसा २५ पितृष्वसृसुत २६ सहोदर
२७ भिन्नोदर २८ पितृभ्रातृ-सुत २६ पितृव्य
उत्तराधिकार
पिता-बाप
दादा
परदादा
मा-माता
दादी
परदादी
नाना
मामा
भाई
भतीजा
बापकी मा-पितामहकी स्त्री
बापके बापकी मा-प्रपितामहकी स्त्री
मा का बाप
परनाना
माके बापका बाप - नानाका बाप
नगढ़ नाना
माके बापके बायका बाप = परनानाका बाप माकी माता नानाकी स्त्री
नानी
परनानी
माके बापकी मा-परनानाकी स्त्री नगड़नानी माके बापके बापकी मा-नगड़नानाकी स्त्री
लड़की-बेटी
दोहिता- नाती
बहन
भानजा
मौसीका लड़का
[ नवां प्रकरण
चापका बाप
बापके बापका बाप
बुआ
बुवाका लड़का
सगा
सौतेला
चाचाका लड़का चाचा, काका, ताऊ
लड़कीका लड़का
माका भाई - नानाका लड़का
भाईका लड़का
बहनका लड़का
माकी बहनका लड़का बापकी बहन
बापकी बहनका लड़का जो एकही गर्भसे पैदा हुए हों जो एक गर्भसे नहीं पैदा हुए
बापके भाईका लड़का बापका भाई
दफा ५५९ उत्तराधिकार कैसी जायदाद में होता है ?
यह बहुत ज़रूरी बात है इसको हमेशा ध्यान में रखकर उत्तराधिकार यानी वरासत के सवालपर विचार करना चाहिये । अगर इस बातको भूलकर विचार कीजियेगा तो भारी गलती हो जायेगी । जब कभी उत्तराधिकारकी बात आप विचार करें तो सबसे पहले यह सोच लेना कि - सबसे आखिरी मर्द मालिक के क़ब्ज़े में जो जायदाद बिल्कुल अलहदा हो उसी जायदाद के सम्बन्धमें उत्तराधिकारका क़ानून लागू होगा; मुश्तरका जायदादमें नहीं; अर्थात् बटे हुये हिन्दू खान्दानमें जब जायदाद किसी आखिरी मर्द मालिकके पास