SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 74
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषयवार सूची ४९३ विषय पेन | विषय पेज -सब कोपार्सनरोंका मुद्दालेह बनाया जाना ५१९ | मेधातिथि १३।१६ -बाप के जाती कर्जे की डिकरी मेनेजर -चापका नाबालिस के दावेमें समझौता करना ५२२ -मुश्तरका खानदानके अधिकार ४८९ से ४९२ -जायदाद का इन्तकाल ५२४ -हिसाब देने की जिम्मेदारी -नाबालिग होने पर जायदादकी खरीदारी ५२५ -क्री लेने का अधिकार ४९४ -बापके द्वारा इन्तकाल ५२६ -कारोबार चलानेका आधिकार ४९६ -आखिरी हिस्सेदार के द्वारा इन्तकाल ५२९ -जायदाद का इन्तकाल करनेका अधिकार ४९८ -जायदादके मुनाफेका इन्तकाल -रेहननामा, बैनामा करना -दावा या वसीयत करना ५३० -कर्जमें सूदकी दर ५०१ -कर्जा चुकाने के लिये इन्तकाल -दायभागलॉका मुश्तरका खानदानका ५५७ -अदालतकी डिकरीसे नीलाम यज्ञोपवीत-देखो हिन्दू जाति -खरीदारके हक व जिम्मेदारियां ५३६ रवाज -जिसका हिस्सा बिक गया हो उसकी स्थिति ५४० -स्मृतिके विरोध वाजकी प्राधान्यता -हिस्सेदार जब अपना हिस्सा छोड़ दे ५४. -आचार और रवाज एकही है -दिवालिया हो जाना ५४१ |-कुटुम्बकी खाज साफतौरसे सानित की जाय १९ -फर्मका दिवाला जाना ५४२ -कानून बनानेका आधार है -बापका दिवालिया होना ५४३ -तीन तरह की होती है -जायदादका इन्तकाल मंसूख कराना ५४४ -कैसे साबित की जायगी -दान, विक्री रेहन, की मंसूखी ५४४ -शहादत -कौन मंसूख करा सकता है -कन बंद समझी जायगी गर्भके बालकका हक्र ५४९।५५१ -सुबूत किसके जिम्मे होगा दायभाग लॉ के अनुसार ५५२ -नाजायज कौन है -लड़के पैदाइशसे हकदार नहीं होते ५५३ -विवाहमें नाजायज होना -बापको पूरे हक हैं जायदाद पर ५५३ | -नामबुद्री ब्राह्मणोंमें 'सर्वस्वाधनं' विवाहका ११२ -लड़के वापसे बटवारा नहीं करा सकते ५५४ | रखेली औरत -पैतृक सम्पत्ति कौन है ५५४ |-की अवस्था और दशा तथा अधिकार -कोपार्सनर कौन है -शूद्र कौम की उसकी लड़कीका ब्याह वैश्यसे कोपार्सनरी जायदाद ५५५ जायज़ होना -सरवाइवरशिप | रिवर्ज़नर -मेनेजरके अधिकार ५५७ -किसे कहते हैं ८१२ बटवारा करानेके इक -जायदादमें स्वार्थ -डिकरी भरण पोषणकी खानदान पर ८९७ -सीमाबद्ध स्त्रीके इन्तकालका दावा दान मिलना खानदानके मेम्बरोंको ९६६-जायदादको बरबादीसे रोकनेका दावा ८१७ -वसीयत मेम्बरोंको ९९४-अदालतका विचार दावा पर ०१० ५४७ ५५४ ५५६ ८१५
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy