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दफा ५४३-५४६ ]
कानूनकी कुछ ज़रूरी दफायें
(३) अगर दो या ज्यादा आदमी जिनमेंसे एक उस जायदादका हिस्सेदार हो नीलामके समय बराबर बराबर बोली बोलकर एकही दाम दे तो वह बोली हिस्सेदारकी बोली समझी जायगी। दफा ५४६ बिक्रीका जाबता
( उक्त कानून बटवाराकी दफा ७) ऊपरकी दफाओं में कही हुई सूरतों के सिवाय जब किसी दूसरी सूरतमें इस एक्ट के अनुसार जायदादके बेंचनेका हुक्म हो तो जहांतक मुमकिन होगा नीचे लिखा ज़ाबता काममें लायाजायगा
(क) अगर वह जायदाद कलकत्ता, बम्बई, और मदरासके ओरीजिनल जुरिडिक्शन्की किसी डिकरी या हुक्मके अनुसार या लोअर बरमाकी चीफ कोर्टकी डिकरी या हुक्मके अनुसार बेची जाय तो उसमें वही जाबता काममें लाया जायगा जो उस अदालतका रजिस्ट्रार ओरीजिनल् सिविल जुरिस्डिक्शन्के अनुसार किसी जायदादके बेंचने में काममें लाता हो।
(ख) अगर वह जायदाद किसी दूसरी अदालतकी डिकरी या हुक्म के अनुसार बैंची जाय तो, उसमें वह जाबता काममें लाया जायगा जो हाईकोर्ट समय समयपर निश्चित करे और जब तक ऐसा जाबता निश्चित न किया जाय तो ज़ाबता दीवानी ऐक्ट नं०५सन् १९०ई०का वह कायदा काममें लाया जायगा जिसके अनुसार साधारण डिकरीकी कुर्की में नीलाम होता है। दफा ५४७ डिकरी
( उक्त कानून बटवाराकी दफा ८) इस कानूनकी दफा २-३. और के अनुसार अदालत डिकरीका जो हुक्म देगी वह ज़ावता दीवानीकी दफा २ के अनुसार समझा जायगा। दफा ५४८ आधा बटवारा आधी बिक्री
(उक्त कानून बटवाराकी दफा . ) बटवारेके किसी मुकदमे में अगर अदालत मुनासिब समझे तो जिस जायदादके सम्बन्धमें वह मुकदमा दायर हुआ हो उसके एक हिस्सेके लिये बटवारेकी डिकरी दे और बाकी हिस्सेके लिये कानूनके अनुसार बिक्रीकी आज्ञा दे। दफा ५४९. इस कानूनसे पहलेके मुकद्दमे
( उक्त कानून बटवाराकी दफा १०) यह कानून उन सब मुकदमोंसे लागू होगा जो इसके जारी होनेसे पहिले दायर किये गये हों और इसके जारी होनेके वक्त चल रहे हों, लेकिन जिन मुकद्दमोंका अदालत फैसला कर चुकी है उनसे यह कानून लागू नहीं होगा। .