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बटवारा
[आठवां प्रकरण
बटवारेके बाद बापका वैनामा-बटवारेके पश्चात् पिता द्वार बयनामा से पुत्रके हिस्सेपर पाबन्दी नहीं है, वी० शेषझा बनाम ए० अप्पाराव A. I. R. 1925 Mad. 125. दफा ५०९ दत्तक पुत्र और उसका पुत्र और पौत्र
__दत्तक पुत्र और दत्तक पुत्रका पुत्र, तथा पौत्र, भी बटवारा करापानेका मुश्तरका जायदादमें उतनाही हक़ रखता है जितना कि औरस पुत्र और उसका पुत्र तथा पौत्र रखता है, 4 Cal. 425; 1 Mad. H. C. 45; 7Mad. 253. दफा ५१० अनौरस पुत्र
(१) यह बात सब हाईकोटीने मानी है कि द्विजों ( ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य ) में अनौरस पुत्र न तो उत्तराधिकारमें जायदाद पावेगा और न बटवारेमें हिस्सा पावेगा। वह सिर्फ रोटी कपड़ेके पानेका अधिकारी है। देखो--बुशानसिंह बनाम बलवन्तसिंह 22 All. 191; 27 I A. 51.
(२) शूद्रोंमें दासी पुत्रका कुछ अधिकार यद्यपि शास्त्रोंमें माना गया है मगर कानूनमें चाहे मिताक्षरालॉ या चाहे दायभागलॉ का मामला हो दोनों में उसका सिर्फ रोटी कपड़ा पानेका हन स्वीकार किया गया है, देखो-- रामसरन बनाम टेकचन्द 28 Cal. 194; 1 Cal. 1. 19 Cal. 91.
बम्बई, मदरास, और इलाहाबाद हाईकोर्ट के अनुसार माना गया है कि जो औरत किसी आदमीके पास सिर्फ उसीके लिये हमेशा बहुत दिनोंसे रहती हो उसके अनौरस पुत्रका कुछ हक़ उत्तराधिकारकी जायदादमें और बटवारे में है, देखो--1 Bom. 110. साधू बनाम वैजा 4 Bom. 37; 7 Mad. 407; 12 Mad. 72. सरस्वती बनाम मानू 2 All. 134.6 A.ll. 329.
अनौरस पुत्रका कोई हक़ अपनी पैदाइशसे मौरूसी जायदादमें नहीं होता देखो--जोगेन्द्रो बनाम नित्यानन्द 18 Cal. 151-155; 17 I. A. 128; 28 Cal. 194-294.
अनौरस पुत्र बापसे भी मौरूसी जायदादका बटवारा नहीं करा सकता देखो--साधू बनाम वैजा 4 Bom. 37-44.
बाप अपनी ज़िन्दगीमें अगर चाहे तो मौरूसी जायदादमें औरस पुत्रों के बराबर अनौरस पुत्रको हिस्सा देदे मगर वह ज्यादा नहीं दे सकता. देखो23 Md. 16. अनौरस पुत्र अपने बापके मरनेपर, बापके दूसरे औरस पुत्रों पर जायदादके बटवारेका दावा नहीं कर सकता और न बापके किसी कोपासनर पर बटवारेका दावा कर सकता है, देखो-4 Bom. 37; 12 Mad, 401; 25 Mad. 429; 27 Mad. 32; 10 Mad. 334.