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हलकी नजीर
गार्जियन एण्ड वाईस
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282; 40 Bom. 600; 1925 Oudh. 257 नज़ीर अहमद आग्रा बनाम g; 12 O. L. J. 441; 20. W. N. 282; 87. I. C. 1024; A. I. R. 1925 Oadh. 421.
--गा० दफा १६-- किसी हिन्दू नाबालिग्रका पिता या पति, उसका वली नहीं मुक़र्रर किया जासकता जब उसकी जायदाद कोर्ट आफ वार्डमें हो -- 86 I. C. 957 (2); A. 1 R. 1925 Mad. 1085.
- गा० दफा १६ - माताका पुनर्विवाह, उसके नाबालिग़को उसकी सरंक्षतासे लेलेने का काफ़ी कारण नहीं है-- मु० मेड़ो बनाम टेक चन्द्र, 26 Punj. L. R. 251.
- गा० दफा १६ और २५ - नाबालिग लड़का जिसकी मातामर, गई हो, का वली उसका पिता मुकर्रर किया जासकता है और वह उसकी रक्षामें दीजा सकती है--कुधाची राघवघा बनाम मचावालू लक्ष्मय्या 86 I C. 640; 21 L.W. 244; A I.R. 1925 Mad. 398; 48M. L. J. 179.
- गा० दफा १६--अदालतको नाबालिग़के पिताको, उसका दली बनाने का अधिकार नहीं है।--मु० ताज बेगम बनाम गुलाम रसूल 26P. L. R. 12; 6 Lah L. J. 597; 83 I. C. 308; A. I. R. 1925 Lah, 250.
- गा० दफा १६--और २५-- जबकि नाबालिग अपने पिताकी खास संरक्षामें हो; उस सूरतमें वह संरक्षा जो दफ़ा २५ के अनुसार पिताको दीगई है बज़रिये अपील नहीं हटाई जासकती । मु० चन्द्रा कुंवर बनाम छोटे लाल A. I. R. 1925 Oudh, 282.
---गॉ० दफा २२-अलाहिदा किये हुए वलीके भत्तेकी मञ्जुरीकी अपील नहीं हो सकती-सूरज नारायण सिंह बनाम विश्वम्भर नाथ भान AI R. 1925 Oudh. 260.
- गा० दफा २३ और २६ - अदालत द्वारा, जब कोई कलेक्टर, किसी नाबालिग्रका वली नियत किया जाता है तब उसे दफा २३ के अनुसार बिशेष अधिकार प्राप्त होते हैं । दफा २६ जो वलीके अधिकारको परिमिति करती है कलेक्टरकी दशामें लागू नहीं होती देखो अभयराज बनाम दौलत सिंहजी 28 Bombay, L. R. 6.28.
--गा० दफा २५- दफा २५ के अनुसार एक इकतरफ़ा डिकरी पाल हुई, जिसमें एक व्यक्तिको अदालत में पेश करने का हुक्म दिया गया। उसने हुक्मका पालन न किया, किन्तु अदालतमै एक अर्जी दी, कि इकतरफ़ा हुक्म रद्द करदिया जाय । अर्जी नामजूर करदी गई -तय हुआ कि हुक्म अपीलके योग्य न था । फरीनको केवल इकतरफ़ा हुक्मके रद करनेके लिये अर्जी देने
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