________________
नाबालिगी और वलायत
पांचवां प्रकरण
परन्तु जब वली वसीयतनामा या किसी दूसरी दस्तावेज़के द्वारा नियुक्त हुआ हो और चाहे वह इस एक्ट द्वारा वली निर्धारित या घोषित त किया गया हो तो वह नीचे दिये हुए कारणों से हटाया नहीं जावेगा ।
४०४
(ए) जबकि उप दफा ( जी ) [ ३६ ( जी ) ] में दिया हुआ वली
का विपरीत लाभ वली नियुक्त करने वालेकी मृत्युके पश्चात् न पैदा हुआ हो या वली नियुक्त करने वाले व्यक्तिने वलीके विपरीत लाभके होते हुए भी उसकी अनभिज्ञताके कारण बली नियुक्त किया हो तथा उस नियुक्तिको क़ायम रक्खा हो;
(बी) जबकि उस दफा (एच) [ ३१ (एच) ] में दिये हुए स्थान परिवर्तनमें वली ऐसे स्थानमें चला जावे जहांसे कि अदालत की राय में वह अपने वली के कार्यको न कर सकता हो;
- दफा ४०
वलीका बरी होना
( १ ) यदि अदालत द्वारा नियुक्त या घोषित किया हुआ वली अपने पद से इस्तीफा दिया चाहे तो वह अदालतको अपने पद से हटाने की दरख्वास्त देसकता है।
( २ ) यदि अदालतकी रायमें ऐसी दरख्वास्त पर्याप्त कारणसे दीगई हो तो वह उसको उस पदसे हटा देगी और यदि कलक्टरने ऐसी दरख्वास्त दी हो और प्रातिक सरकारने इसकी स्वीकृत कलक्टरको देदीहो तो अदालत हर हालत में कलक्टरको उस पदसे बरी कर देगी ।
- दफा ४१ वलीके अधिकारोंका अन्त
नाबालिकी ज्ञातके वलीके अधिकार निम्न प्रकारले समाप्त होजाते हैं:
-
( प ) वली की मृत्युसे या उसके हटाये जानेसे या उसके बरी कर दिये जानेसे;
(बी) नाबालिग़की जातके देखरेखका भार कोग्राफ वार्डस द्वारा लेलिये जानेपर;
(सी) नाबालिग़ के बालिग़ होजाने दर;
(डी) नाबालिगाका ( Femile minor) विवाह ऐसे व्यक्ति के साथ होजाने पर जो उस नाबालिग़का वली बननेके लिये अयोग्य नहीं है या यदि वली अदालत द्वारा नियुक्त या घोषित किया गया है तो नाबालिगा ( Female minor ) का विवाह ऐसे