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नाबालिगी और वलायत
[ पांचवां प्रकरण
(बी) उसकी माताको, जबकि उसका पिता मरचुका हो या काम करनेके योग्य न हो-
अधिकार होगा कि वह वसीयतनामा द्वारा या किसी दूसरी दस्तावेज़ द्वारा नाबालिग़की जात व जायदादका एकही वली या दोनोंके लिये अलग अलग वली नियुक्तकर सके परन्तु यह अधिकार नियुक्त करने वाले पिता या माताकी मृत्यु के पश्चातूही कार्यरूपमें परिणत किया जासकेगा ।
(२) यदि इस दफा के पहिलेभाग अर्थात् दफा ५ ( १ ) के आधार पर माता व पिता दोनोंने वली नियुक्त कर दिये हों तो इस प्रकार नियुक्त किये हुए दोनों वली साथ साथ काम करेंगे ।
- दफा ६ दूसरे लोगों के मामलोंमें अधिकारोंका संरक्षण
जो नाबालिग योरोपियन ब्रिटिश रिश्राया नहीं हैं और उनकी जाति संज्ञा के अनुसार क़ानूनन् उनकी जात व जायदादके वली नियुक्त किये जा सकते हैं तो यह ऐक्ट वली नियुक्त करने वाले इस प्रकारके अधिकारमें किसी प्रकार बाधक नहीं होगा ।
- दफा ७ वलीकी नियुक्ति करनेके लिये अदालत के अधिकार ( १ ) जबकि अदालतको विश्वास होजावेकि नाबालिएकी भलाई के लिये-
(ए) उसकी जात या जायदाद या दोनोंके लिये वली नियुक्त किया
जाना; या
(बी) किसी व्यक्तिका वली घोषितकर दिया जाना उचित है तो अदालत इसी के अनुसार हुक्म देसकती है अर्थात् नाबालिग की जात या जायदाद या दोनोंके लिये वली नियुक्त या घोषितकर सकती है ।
( २ ) यदि कोई व्यक्ति वसीयतनामा या किसी दस्तावेज़के द्वारा वली नियुक्त नहीं हुआ है अथवा किसी अदालतने उसको वली नियुक्त या घोषित नहीं किया है तो ऐसा वली इस दफाके हुक्मके अनुसार वलायतसे हटाया हुआ समझा जावेगा ।
(३) यदि वसीयतनामा या किसी दूसरी दस्तावेज़ द्वारा कोई वली नियुक्त हुआ है अथवा अदालतने उसे वली नियुक्त या घोषित किया है तो ऐसे वलीके स्थानपर कोई दूसरा व्यक्ति उस समय तक वली नियुक्त या घोषित नहीं किया जावेगा जबतक कि वह वली इस ऐक्टके अनुसार अपने अधिकारोंसे वंचित नहींहो जावेगा ।