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दफावार सविवरण सूखी
विषय
६०३ लड़के, पोते, पर पोतेकी करासत ६०४ विधवाकी वरासत
दफा
५६० बन्धु किसे कहते हैं ?
५६१ गोत्रज सपिण्ड और भिन्न गोत्रज सपिण्डमें क्या भेद है ? ५६२ उत्तराधिकारमें सपिण्ड शब्दका संकेत अर्थ माना गया है ५६३ तीन क़िस्मके वारिस जायदाद पाते हैं ५६४ सपिण्ड
६६५
६६६
५६५ सत्तावन दर्जेके सपिएडका नक्शा ५६६ समानोदकों की संख्या निश्चित नहीं है ५६७ बन्धुओं की संख्या निश्चित नहीं है ५६८ वरासत मिलने का क्रम मिताक्षराके अनुसार ५६६ बनारस, मिथिला, मदरास स्कूलमें वरासत मिलने का क्रम ६०० गुजरात, बम्बई द्वीप और उत्तरीय कोकनमें वरासत मिलनेका क्रम ६९८ ६०१ बम्बई प्रांतके दूसरे हिस्सों में वरासत मिलनेका क्रम ६०२ औरतोंकी क़ानूनी ज़रूरतें
६१७
६६६
७००
( ३ ) सपिण्डों में वरासत मिलनेका क्रम
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6.
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980
०००
६०५ लड़कीकी वरासत ६०६ लड़कीके लड़केकी वरासत (नेवासा - दोहिता-दौहित्र )
६०७ माताकी वरासत
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६०८ बापकी वरासत ६०६ भाईकी वरासत ६१० भाईके लड़के की वरासत ६११ भाईके पोते की वरासत ६१२ बापकी मा ( दादी ) की वरासत ६१३ बापके बापकी वरासत ( पितामह - दादा ) ६१४ नापका भाई (पितृव्य, काका, चाचा, ताऊ ) ६१५ बापके भाई के लड़के की वरासत (चाचाका लड़का ) ६१६ बापके भाईके पोते की वरासत ( चाचाका पोता ) ६१७ परदादीकी वरासत ( बापके बापकी मा पितामहकी मा ) ६१८ परदादाकी वरासत ( प्रपितामह )
६१६ दादा भाईकी वरासत (पितामहका भाई - बापके बापका भाई) ६२० दादाके भतीजे की वरासत ( पितामहके भाई लड़का ) ६२१दादा के भाई के पोतेकी वरासत ( पितामहके भाईका पौत्र )
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