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दफा ३१५ ]
दत्तक सम्बन्धी नालिशोंकी मियादें
का इस मियादके सम्बन्धवाला भाग, एक्ट नं० १५ सन् १८७७ ई० के अनुसार मंसूरन होगया है । और आजकल अन्त में कही हुई एक्ट मानी जाती है
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एक्ट नं० १५ सन् १८७७ ई० की दफा ११८ में कहा गया है कि "बयानकी हुई दत्तक के नाजायज़ क़रार देनेके वास्ते या दरहक़ीक़त दत्तक लिया ही नहीं गया था, साबित करने के वास्ते, नालिशकी मियाद ६ छह सालकी है और यह मियाद उस वक्त से शुरू होगी जब कि बयान की हुई दत्तक का हाल मुद्दई को मालूम हो” बिल्कुल यही दफा एक्ट नं० ६ सं० १९०८ ई० में मानी गई है । इस दफा का साफ अर्थ इतना समझ लेना कि जब वादी को यह मालूम हो जाय कि गोद लिया गया है और उस गोद लेने से वादी के हक़ में नुक़सान पैदा हो गया है तो उसे चाहिये कि जब से गोद लेना मालूम हो तब से ६ वर्षके अन्दर गोद मंसूखी अथात् अपने ही साफ कर लेनेका दावा अदालत में दायर करदे नहीं तो बाद गुज़र जाने मियादके दावामें तमादी पैदा हो जायगी ।
इसी क़िस्मका एक मुक़द्दमा बङ्गाल में पैदा हुआ था जो प्रिवीकौन्सिल तक गया इसमें वादीने एक विधवाके मर जानेके बाद उस जायदाद के दिलापाने और क़बज़ा पाने की नालिश की जो उस विधवा के पास उसके पतिकी छोड़ी हुई थी और यह भी कहा गया था कि विधवा ने एक दत्तक पुत्र लिया है । बादी की तरफ से बहस का सारा दारमदार दफा ११८ एक्ट नं० १५ सन् १८७७ ई० क़ानून मियाद के आधार पर किया गया था । मगर यह बहस अयोग्य क़रार पायी थी अदालत ने दो कारण बताये, प्रथम तो विधवा ने दत्तक सिर्फ अपने वास्ते लिया था न कि अपने पतिके लिये; दूसरे यह नहीं साबित किया गया था कि बादी को ६ साल के अन्दर दत्तकका इल्म नालिश करने के पहिले हो गया था । ऐसा मालूम होता है कि इस मुक़द्दमे में बादी दावा में तमादी की बहस आन पड़ी थी । दावा दफा ११८ के अनुसार दायर था न कि १४१ क़ानून मियाद ऐक्ट नं० १५ सन १८७७ ई० के देखो - लछिमनलाल बनाम कन्हैय्यालाल 22. I. A. 51; S. C. 22 Cal. 609.
( १ ) बारह वर्षकी मियाद कब मिलेगी - क़ानून मियादकी दफा १४१ एक्ट १५ सन १८७७ई०का यह मतलब है कि “जब कोई औरत हिन्दू या मुसल मान क़ौमकी मर गयी हो, और उसकी छोड़ी हुई स्थावर सम्पत्ति के क़ब्ज़ा दिला पाने का दावा किसी हिन्दू या मुसलमानकी तरफसे दायर किया जाय तो ऐसे मुक़दमे में मियाद बारह सालकी होगी और यह मियाद उस वक्त शुरू की जायगी जब कि औरत मरी हो" । यह दफा १४१ एक्ट नं० ६ सन १६०८ ई० में ज्योंकी त्यों मानी गयी है अगर विशेष विवरण देखना हो तो