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दफा २१६-२२५]
कौन लड़के गोद नहीं लिये जा सकते
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होजाता है फिर भी उसे दत्तक लियाजाय तो नाजायज़ हो जायगा W. R. 1864 P. 194. दफा २२३ अनाथ बालक
__ अनाथ बालक उसे कहते हैं जिसके बाप-मा मर गये हों। ऐसा बालक गोद नहीं लिया जासकता क्योंकि गोद देनेका काम सिर्फ़ बाप और माताही करसकती है स्वयंदत्त आजकल प्रचलित नहीं रहा देखो 6 Bom. H• C. 83; 2 Mad. H. C. 129; 10 Bom, H. C. 268; 10 Mysore. L. R. (1878-1896 ) 384.
मगर 7 Indian Cases427 में एक मामलेमें यह मानागया कि अनाथ बालक के बड़े भाईने उसे गोद दिया था जब कि मा-बाप दोनों मरचुके थे अदालतने इसे फेक्टमवेलेट ( दफा ८३) के सिद्धांतसे जायज़ माना।
दत्तककी सार्थकताके लिये यह आवश्यक है कि गोद लेनेके समय पुत्र, पिता द्वारा या. यदि पिता जीवित न हो तो माता द्वारा गोद लेनेवाले अर्पित किया जाय । किसी दूसरे को यह अधिकार नहीं है और न यह अधिकार किसी दूसरे को दिया ही जा सकता है। अतएव अनाथ, जिसके माता पिता न हो गोद नहीं लिया जा सकता । (Mr. Amir Ali.) धनराज जौहरमल बनाम सोनी 52. Cal. 482362 I. A. 2317 (1925) M. W. N. 692; 87 I. C. 357; L. R. 6 P.C.97; 27 Bom. L. R. 837.23 A. L.J. 273; 20 W. N. 335; 21 N. L. R. 50; A. I. R. 1925 P. C. 118; 49 M. L. J. 173 ( P.C. ). दफा २२४ सौतेला भाई
शूद्रोंको छोड़कर जैसा कि ऊपर दफा १६३ में बताया गया है दूसरी क़ौमोंमें या ऊंची जातियोंमें सौतेला भाई गोद नहीं होसकता देखो-3 Mad. 15-16.
दफा २२५ भाई
सगाभाई दत्तक नहीं लिया जासकता देखो नार्टनके प्रधानकेस Part. 1 P. 66 सिर्फ दक्षिणके कुछ मुक़दमों में छोटे भाईका दत्तक जायज़ मानागया था 2 Bor. 75-85 भाईका दत्तक लेना धर्मशास्त्रोंमें बड़ा निषेध कियागया है देखो दफा १७२; भाईका दत्तक नीचे के मुक़दमों में नाजायज़ माना गया । श्रीरामलू बनाम रामाप्पा 3 Mnd.15 रन्जीतसिंह बनाम अभयनारायणसिंह 2 Ben.Sel.R. 245; देखो भाईके दरजेका दत्तक एक मुकदमेमें जायज़ माना गया देखो 2I Bom. L. R. 17-27( 1918) दफा १७२.