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दफा २११-२१८]
कौन लड़के गोद हो सकते हैं
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दफा २१५ ब्राह्मोका पुज्ञ ब्राह्मो
जो आदमी ब्रह्म समाजी हो गया हो उसके बाद उसके पुत्र पैदा होतो वह पुत्र ज़ाहिरा तौरसे ब्राह्मो पैदा हुआ मगर ऐसा पुत्र दत्तक लिया जासकता है कारण यह है कि 30 Cal. 999; 7 0. W. N. 734में साबित था कि असली बाप हिन्दू पैदा हुश्रा और उसके ब्रह्मसमाजी होनेपर पुत्र पैदा हुआ था। बाप जिस किसी क्षण चाहे प्रायश्चित्त करके ब्रह्म समाजसे हिन्दू समाजमें आ सकता है तो उसका पुत्र क्यों नहीं आसकता इसलिये ब्राह्मो पुत्रकी दत्तक जायज़ मानी गई देखो--कुसुम कुमारराय बनाम सत्यरञ्जनदास 30 Cal.999. दफा २१६ शूद्रोंमें ४० वर्षका बिनव्याहा आदमी
शूद्रोंमें ४० वर्षकी उमरका बिनव्याहा आदमी जब दत्तक लियागया तो वह नाजायज़ नहीं मानागया और उसके उत्तराधिकारका हक़ असली बापके घरानेसे भी नष्ट नहीं होगया यह बात प्रायः सब स्कूल मानते हैं देखो-3 Mad. L. J 80; 16 Mad. 384--386; देखो दफा १८०. दफा २१७ अपरचित पुत्र ____अपरचित लड़का (नज़दीकीको छोड़कर दूरका) दत्तक लिया जासकता है जो और सब बातों से उचित हो चाहें भाईके पुत्र भी मौजूद हो; दत्तक मीमांसा और दत्तकचन्द्रिका सहोदर भाईके लड़केका दत्तक; दूसरे सब लड़कोंसे अधिक श्रेष्ठ बताया गया है देखो दफा १७६ इस वाक्यका अर्थ जजोंने ऐसा किया कि गोद लेनेवालेके कर्तव्य कर्मको उक्त वचन पाबन्द करते हैं मगर वह बचन क़ानूका असर नहीं रखते इसलिये यह बात गोदलेनेवाले की इच्छा पर निर्भर है। माना गया कि यदि सहोदर भाईके पुत्रको छोड़कर दूसरा लड़का दत्तक यानी गोद लियागया हो जो अन्य सब बातोंसे उचितहो तो सिर्फ इस कारणसे कि भाई कापुत्र छोड़कर दूसरा पुत्र दत्तक लिया गया इस लिये दत्तक नाजायज़ है अदालतने यह बात नीचेके मुकदमोंमें नहीं मानी 3 Cal. 587.15 B. L. R. 405; 23 W. R. 340; 2 C. L. R.51; 6 B. H. C. A. C. J_70. 10 Bom. 80. देखो दफा १७६ पैरा २. ... पञ्जाबके धूसर कौमें जो हिन्दू हैं यतीम लड़का गोद लेनेका रवाज है यह बात अदालतने स्वीकार की है देखो 1922 H. L. J. 52. दफा २१८ ऊंची जातियों में उपनयनके पहले
(१) ब्राह्मण, और ऊंची जातियोंमें उपनयन संस्कार आवश्यक है, जनेऊ करनेसे पहले लड़का दत्तक लिया जासकता है यह नियम सामान्य है मगर जहांपर कोई विशेष, बात मालूम पड़ती है वहां नहीं, जैसे बम्बई स्कूल