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दत्तक या गोद
[चौथा प्रकरण
होता है कि जहांपर एकलौते पुत्रकी दत्तक जायज़ मानी गई है वह फेक्टमवेलेट' दफा ७३ के सिद्धांतसे मानी गई है देखो-4 B. H. C. A. 191, 7 B. H. C. Appendix 26.
(७) मध्यभारत के फैसलोंमें मानागया कि एकलौते बेटेकी दत्तक बे. कानूनी है । सेलेक्ट केस सन् 1872 Part 8 No 46: b C. P. L. R. 26.
(८) एकलौते पुत्रकी दत्तक के विषयमें देखो दफा--१६० दफा २०३ विवाहा हुआ लड़का
(१) सिर्फ बम्बई और पञ्जाब प्रांतमें विवाहा हुआ लड़का गोदलिया जासकता है अन्यत्र नहीं । बम्बईमें विवाहा हुआ आदमी चाहे वह एकही गोत्रका हो या भिन्न गोत्रका हो ब्राह्मण और शूद्रोंमें दत्तक लिया जा सकता है 10 Bam. 80; 8 Bom.. H. C. ( A.C.) 67; 7 B. H. C. App. 26 12 B. H. C. 364; 11 B. O. 894.
23 Bom. 251 वाले मामलेमें गोद लेनेवालीमातासे दत्तक पुत्रकी उमर ज्यादा थी मगर इस सबसे वह नाजायज़ नहीं माना गया । नीलकण्ठ, मयूखमें कहते हैं कि मेरे पूज्य पिताजीकी यह राय थी कि विवाहा हुआ और जिसके सड़का पैदा हो गया हो ऐसा आदमी भी गोद लेने के योग्य है । इस लिये माना गया है कि जब किसी हिन्दू आदमी के विवाह के बाद पुत्र भी पैदा होगया हो और वह पीछे गोद दे दिया जाय तो उसके पुत्र अपने असली खानदान का गोत्र तथा हक़ नहीं खो देते, और न उन्हें अपने बापकी छोड़ी हुई जायदादका उत्तराधिकार मिलता है जिसमें उसका बाप दत्तक गया है 33 Bom. 669; 11 Bom. L. R. 797; 3 Indian Cases. 809.
(२) पञ्जाब--पञ्जाबमें दत्तक पुत्रके लिये उमरकी कैद नहीं है चाहे दत्तकपुत्रका उपनयन और विवाह असली पिताके घर हो गयाहो पीछेसे भी दत्तक दिया जासकता है देखो--No. 51 of 1867; 37 of 1868; 37 of 1872; पंजाब कस्टम 1876 P. 82.
(३) विवाहाहुआ लड़का गोद नहीं लिया जासकता देखो दफा २२६ दफा २०४ सौतेला पुत्र
होशियारपुर जिलेके जाटोंमें रवाजके अनुसार ऐसे लड़केकी दत्तक जायज़ मानीगई है जो लड़का किसी दूसरे पुरुषसे पैदा हुआ हो और उसकी मा ने पुनर्विवाह करनेके बाद पहले पतिके पुत्रको गोद दे दिया हो देखो-- No 98 of 1884; 45 of 1874 लेकिन 'मारा' और 'अलख' नामक जाटोंमें ऐसा दत्तक नाजायज़ माना गया है 98 P. R. 1892 48 P _R. 1394, 122 P.R. 1894.