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दत्तक या गोद
[ चौथा प्रकरण
विस्तारसे देखो दफा १७२ इस विषयमें दत्तक निर्णय आदि ग्रन्थोंमें कहा है कि रवाजके वज़नके सामने यह राय असर नहीं रखती । रवाजके लिये देखो दफा ३०-३६.
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( २ ) सदर लेन्ड और मेक्नाटनकी राय - नियोग वाले सिद्धांतको; सदर लैंड और मेक्नाटन तथा स्ट्रेन्ज साइबने स्वीकार किया है देखो:-Suth Syn. 664; F. Macn 150; 1 W. Macn 67, 1 StraH. L. 83-84 कहते "हैं कि द्विजन्मा क़ौमों में हिदुस्थान भरमें यह कायदा दृढ़तासे मानाजाता है कि बेटीका बेटा तथा चाचीका बेटा गोद नहीं लिया जासकता क्योंकि उन लड़कों की माताओंके साथ नियोग नहीं हो सकता था देखो -- बाई गङ्गा बनाम बाईशिवकुंर Bom. Sel. Rep. 73; नरासायल बनाम बाला रामाचरलू L.M. H. C. 420; जिवानी बनाम जीबू 2 MH.C. 462; गोपाल ऐयन बनाम रघुपति पैयन 7 Alad. H. C. 250; रामलिङ्ग बनाम सदाशिव 9 M. I. 4. 506 S. C. 1 Suth. ( P. C ) 25 इस प्रिवी कौंसिल के फैसलेमें 'वैश्य' ग़लत लिखा है सब पढ़ो तो मालूम होगा कि वह शूद्र है, 2 Mad. H. C. 467; Latest बनाम वीवी मुन्नी 2 Mad. Dig. 32, 3 Bom. 273, भागीरथ बनाम राधाबाई 3 Bom. 298, पार्वती बनाम सुन्दर 8 All 1; 16 1. A. 186; 12 All. 51.
( ३ ) इलाहाबाद हाईकोर्ट और प्रिवी कौंसिलकी राय -- इलाहाबाद हाईकोर्टने हालके एक मुक़द्दमेमें यह माना कि जहां पर बनारस स्कूल माना जाता है वहां दत्तक मीमांसा नहीं मानना चाहिये यानी जो सूबे बनारस स्कूल ता हैं. वहां पर दत्तक मीमांसाका असर नहीं होगा वह सिद्धांत जिन्हें दत्तक मीमांसाने क़ायम करके दत्तक की अयोग्यताका विचार किया है लागू नहीं होंगे । यद्यपि इलाहाबाद हाईकोर्टका फैसला इजलास कामिलसे हुआ था मगर प्रिवी कौंसिल में इसके खिलाफ एक मुक़द्दमेका फैसला हो गया जिसमें कहा गया कि जहां पर समस्त धर्मशास्त्र एक मत होकर किसी विषय का एक ही निर्णय करते हों और उसके विरुद्ध कोई रवाज साबित न कीगई हो तो उसको माननाही उचित है इस दलील परसे सहोदर भाई, चाचा, तथा मामा आदिका दत्तक लेना नाजायज़ है इन सबों में ऊपर कहा हुआ सिद्धांत लागू पड़ता है फैसले देखो -- भगवानसिंह बनाम भगवानसिंह 17 All. 234; 26 I. 4. 153; रंजीतसिंह बनाम अभयसिंह 2 S. D. 245-315 Mad. Dec. of 1852 P. 96; 3 Mad. 15; मीनाक्षी बनाम रामानंद 11 Bom. 49; मगर मद्रासमें चाचाके बेटेकी दत्तक रवाजके अनुसार मजूर की गई है 14 Mad. 459.
शूद्रों में दोहिता और भानजा गोद लिया जासकता है, मयूख भी इससे सहमत है; पञ्जाबके जाटोंमें चाचाका बेटा गोद लिया जा सकता है देखो -