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दफा १७२]
साधारण नियम
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वति तादृशः कार्य इति यावत् । दत्तक मीमांसायां। सोयम् दत्तक चन्द्रिकायाम् 'पुत्रच्छायाव:' पुत्रसादृश्यं नियोगा. दिना स्वयमुत्पादन योग्यत्वमिति यावत् ।
भावार्थ -प्रायः शौनकके इस वाक्यपर दत्तकका कानून बना है प्रत्येक स्कूलोंमें इसका अर्थ भिन्नभिन्न प्रकारसे किया गया है वह वाक्य है 'पुत्रच्छायावः' पुत्रकी सादृश्यताको प्राप्त होनेवाला। यानी जो लड़का गोद लिया जाता हो उसकी माताके साथ गोद लेनेवाले पुरुषका विवाह हो सकता हो, जैसे सपिण्ड सगोत्र सहोदर भाई गोद नहीं हो सकता उसका पुत्र हो सकता है। क्योंकि सहोदर भाईकी मा अपनी मा होती है इसलिये भाई गोद नहीं लिया जासकता, सहोदर भाईका लड़का गोद लिया जासकता है क्योंकि उस की यानी उस लड़के की माके साथ शादी हो सकती थी अगर वह उसके भाई को न विवाही जाती, इसी सिद्धांतके अनुसार सहोदर भाई, चाचा, मामा, दोहिता ( लड़कीका लड़का) भांजा वगैरह गोद नहीं लिये जासकते कारण भाईकी मा अपनी मा होती है, चाचाकी मा दादी, मामाकी मा नानी, दोहिताकी मा लड़की, और भांजाकी मा बहन होती है, इनमेसे किसीके साथ शादी नहीं हो सकती थी इसलियेउनके पुत्रोंमें पुत्रकी सादृश्यता नहीं हो सकती। आगे चलकर यह बताया गया है, कि शूद्रों में इसका नियम नहीं है सिर्फ तीन वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य ) में यह नियम लागू किया गया है। इसीलिये भांजा आदि गोद लेनेका जो निषेध किया गया है वह पुत्रकी सादृश्यताको न प्राप्त होनेके सबब से कियागया है । नियोग द्वारा भी उनकी माताओंके साथ पुत्रोत्पादन नहीं सम्भव हो सकता था।
इसी आधारपर गृह्य सूत्रके परिशिष्टमे विरुद्ध सम्बन्ध के कारण विवाह घर्जित किया गया है। अब दूसरा सिद्धांत यों माना गया है कि जिस विवाह में वर और कन्याका रिश्ता मा और बापके दर्जे में होताहो वह विवाह भी बर्जित है। इसे यों समझो जैसे अपनीस्त्रीकी बहनकी लड़की (सालीकी बेटी) और चाचाकी स्त्रीकी बहन (चाचीकी बहन ) के साथ विवाह नहीं हो सकता क्योंकि सम्बन्ध अयोग्य है । देखो अपनी स्त्रीकी बहनका दरजा घही है जो दर्जा अपनी स्त्री का है, अगर पहिले अपनी स्त्री की बहन के साथ विवाह होता तो हो सकता था मगर अब दोनों का दरजा बराबर हो गया इसलिये अपनी स्त्री की बहन की लड़की का दरजा अपनी लड़की के अर्जे के बराबर है अर्थात् उसके साथ लड़की का रिश्ता पैदा हो जाता है, तो जब उस लड़कीके साथ विवाह होगा तब वर और वधूका रिश्ता, बाप और लड़की का मौजूद रहेगा इसीलिये ऐसा विवाह नहीं हो