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हिन्दूलों के स्कूलोंका वर्णन
[प्रथम प्रकरण
मिताक्षरा, व्यवहार मयूख, निर्णयसिन्धु, दत्तक मीमांसा और कौस्तुभ माना जाता है। बम्बई स्कूलके अन्तर्गत गुजरात स्कूल भी है, गुजरात स्कूलके अन्दर अहमद नगर है जहांपर मिताक्षरा और व्यवहार मयूखका अधिकार माना गया है (दफा १५):
बम्बई स्कूल के भीतर महाराष्ट्र देश, उत्तर कनाडा और रत्नागिरिमें मिताक्षराका सबसे श्रेष्ठ और पहिला दरजा माना गया है यद्यपि इनमें मयूख आदरणीय माना जाता है परन्तु मयूखका दरजा दूसरा है । देखो--जानकी बाई बनाम सुन्दरा 14 Bom 612; बिथापा बनाम सावित्री Bom. H. C. S. A. 803 of ( 1909). .
गुजरातमें मयूखका सबसे पहिला दरजा माना जाता है बम्बई द्वीप जो पहले गजरातका हिस्सा समझा जाता था उसमें और उत्तरीय कनाडामें यही प्रधान समझा जाता है । देखो--सखाराम बनाम सीता बाई 3 Bom. 353; लल्लूभाई बनाम मानकुंवर बाई 2 Bom. 388, 418; विद्यारण्य बनाम लक्ष्मण 8 Bom. H. C. R. 244; कृष्णाजी बनाम पाण्डुरङ्ग 12 Bom. H. C. R.A. J. 65; और देखो--नरायन बनाम नाना मनोहर 7 Bon. H. C. R. A. C. J. 166.
अहमदनगर और पूना तथा खानदेशमें मयूखका अधिकार मिताक्षराके समान है। महाराष्ट्र देशमै मयूख, मिताक्षराका उल्लङ्घन नहीं कर सकता। भागीरथी बनाम कन्नौजीराव 11 Bom.285 294; जव मिताक्षराके किसी अर्थ में संशय पैदा हो जाता है तब व्यवहार मयून द्वारा उसका अर्थ लगाया जा सकता है। उत्तरीय कनाड़ाके मुक़द्दमोंमें बम्बईका कायदा माना जाता है मदरासका नहीं। दफा २८ द्रविड़ स्कूल-मदरास स्कूल
द्रविड़ स्कूल, मदरास प्रेसीडेन्सी अर्थात् भारतके प्रायद्वीपके दक्षिणी भागमें प्रचलित है इसे तेरहवीं शताब्दीमें देवानन्दभट्टने स्थापित किया था देखो-कलक्टर आफ मदुरा बनाम मिट्ठूरामलिङ्ग 12 M. I.A. 397; 1 B. L. R. ( P. C.) 1; 10 W. R. ( P. C. 17. 20.
मिस्टर मोर्ले कहते हैं कि, द्रविड़ स्कूल तीन जिलों में विभक्त किया जा सकता है उनमेंसे हर एकमे कोई खास कानूनी पुस्तक, दूसरी कानूनी पुस्तकोंकी अपेक्षा ज्यादा असर रखती है देखो डाइजेस्ट मोर्ले की भूमिका पेज 191 ( CXCI ) जिन तीन जिलोंमें द्रविड़ स्कूल विभक्त किया गया है यह हैं। ( देखो दफा १५)
(१) खास द्रविड़ (२) करनाटक (३) आन्ध्र ।