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दफा ८१८]
धर्मादेकी संस्थाके नियम
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यही एक मुख्य बात है जिसके ऊपर दोनों अदालतोंमें भेद था, लेकिन हाईकोर्ट के जजोंकी रायमें ऐसे इस्तेमालसे जिसके लिये बहुत सम्भव था आज्ञा देदी जाती, दिगम्बरोंको कोई हक़ीयत पैदा नहीं होती, और लार्ड महोदयोंके लिये यह कह देना काफी है कि वे इस रायसे सहमत हैं। . रहा धर्म-शालाओंके सम्बन्धमें, सो दिगम्बरोंकी अपने विशेष योगसिद्धान्तोंके कारण, उनके इस्तेमाल करनेकी न ज्यादा जरूरत पड़ी है नं पड़ेगी। जिस समय वें बनाये गये थे उस समय वें स्थान विशेष रूपसे देवापण नहीं किये गये थे और न वे किसीने अपने अधिकारमें किये थे। उन्हें स्वेताम्बरोंने बताया था और दोनों अदालतोंने तय किया है कि उन स्थानों का जो इस्तेमाल दिगम्बरोंने किया है वह श्वेताम्बरोंकी आमासे किया है। हक़ीयतके प्रश्नपर लार्ड महोदय सिर्फ उतनाही कहना चाहते हैं जितना कि उम्होंने उन ४ देवालयोंके सम्बन्धमें कहा है। इस सम्बन्धमें जैसाकि दूसरी बातों के सम्बन्धमें, मुखालिफ़ अपील (Cross appeal) नाकामयाब होती है।
___ अपील को खतम करने के पहिले लार्ड महोदय एक बात और भी कह देना चाहते हैं।
जिस समय विद्वान् सब-जज साहब मुकद्दमे के इतिहास पर विचारकर रहे थे, उन्होंने इस बातपर बड़ा ज़ोर दिया कि, सम्भवतः अपने तपश्चय्यों सम्बन्धी नियमों के कारण दिगम्बर यात्री प्रायः इन स्थानोंका दर्शन स्वेताम्बरोंकी अपेक्षा दिनमें सबेरे शुरू करते थे, जिससे स्वेताम्बरों द्वारा चढ़ाये गये वस्त्र और आभूषण दूसरे दिन तक जैसेके तैसे पडे रहते थे। और उन्होंने इन शब्दों के साथ अपने फैसलेका अन्त कियाः -
"जहां तक २० देवालयोंका सम्बन्ध है, मेरा निर्णय यह है कि एक समुः दाय ( सम्प्रदाय ) को उनकी पूजा आदिके सम्बन्धमें दूसरेके कामोंमें रुकावट डालनेका अधिकार नहीं है, बशर्ते कि ऊपर बतलाई हुई बिधि से काम लिया जाय।"
___ लार्ड महोदयोंके सामने दिगम्बर्गकी ओरसे इस बातपर ज्यादा जोर दिया गया कि या तो यह शर्त जोड़ दी जाय या कोई दूसरा नियम बना दिया जाय जिससे वे घन्टे नियत कर दिये जाय जिनमें दिगम्बर लोग पूजा आदि कर सक।
लार्ड महोदयोंके सामने जो बातें हैं, उनके ऊपर वे इस प्रार्थनाको स्त्री. कार करने में असमर्थ हैं और न वे. जैसा कि कहा गया था, उस मुक़द्दमेको, एंसे कुछ नियम बना देने की आशा के साथ, हाई कोर्ट को वापस कर दें।
अगर इस फैसले के देने के पश्चात् या इसके अनुसार कार्य करने में इन २० देवालयोंमें पूजा करने के सम्बन्धमें दोनों सम्प्रदायों में झगड़ा हो जाय या