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वसीयतके नियम
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दफा ८०७ ]
ब्राह्मणको दान दी हुई जायदादमें यदि ऐसी मनाही रखी जाय कि वह इन्तक़ाल न करे, नाजायज़ होगी, देखो -- अनन्त तीर्थ बनाम नागा मूधू 4 Mad. 200; या यह आज्ञा दी जाय कि जायदाद पाने वाला अमुक जायदाद पर क़ब्ज़ा न करे नाजायज़ होगाः देखो - 8 Jal 3783 10 C. L. R. 207. 13 Bom. 463; या यह शर्त रखी जाय कि जायदाद पाने वाला जायदादका बटवारा न करे नाजायज़ होगा; देखो - 1 Cal. 104, 15 IA. 37; 15 Cal.409; 7_Mad. 315; या यह शर्त रखी जाय कि जायदाद पाने वाले के जिम्मेका क़र्ज उस जायदादसे वसूल न हो सके, नाजायज़ होगी, देखो -- 15 I. A. 37; 15 Cal. 409; या यह कहा जाय कि कुछ ट्रस्टी लोग खर्च की देख भाल रखें, नाजायज़ होगा - 19 Bom. 647; या यह कहा जाय कि जायदादकी आमदनी हमेशा जमा होती रहे नाजायज़ होगा, देखो -- 4 Mad 124; ऐसी सूरतों में जायदाद पाने वालेका अधिकार है कि ऊपर कही हुयी किसी शर्त को न माने क्योंकि दान या वसीयत द्वारा दी हुयी जायदाद के साथ उपरोक्त या ऐसी कोई शर्त या क़ैद या मनाही लगाना क़ानूनन् नाजायज़ है ।
दान या वसीयत के द्वारा दी हुई जायदाद के साथ अगर कोई ऐसी शर्त रखी जाय जो क़ानूनसे उचित होतो जायज़ होगी, देखो --23 W. R C. R. 236; 24 Cal. 646; 1 C W. N 578; 14 B. L. R. 60; 1 I. A. 387; किन्तु इंडियन् सक्सेशन एक्ट नं० ३१ सन् १९२५ ई० की दफा १२८६ के अनुसार जो शर्त क़ानूनन या सदाचार के विरुद्ध हो या जिसका पूरा किया जाना असम्भव हो तो नाजायज़ होगी ।
( ४ ) भावी सन्तानके लिये वसीयत
दान या वसीयतके द्वारा जिस आदमीको जायदाद दी जाय वह वसी यत करने वाले की मौतके समय वास्तवमें या क़ानून की दृष्टिमें जीवित हों, देखो - -31 Mad. 310; 28 I. A. 152; 28 Cal. 72; 5 C. W. N. 806; 3_Bom. L. R. 803; यह नियम सब हिन्दू वसीयतों से बराबर लागू होगा चाहें वे हिन्दूलों के किसी स्कूलके पाबन्द हों और चाहे हिन्दू वसीयत का क़ानून उससे लागू होता हो या न हो, देखो --8 Cal. 637, 10 C. L. R. 459; 8 Cal. 378; 10 C. L. R. 207; 9 Bom. 491; यही नियम उस वसीयतनामे से भी लागू होगा जिसमें लिखाहो कि छोड़ी हुयी जायदाद वसीयत करने वाले की मौत के बादही देदी जाय या बीच में किसी दूसरे आदमी की मिलकियत समाप्त हो जाने पर दे दी जाय या कोई खास घटना होनेकीं शर्त पर दे दी जाय, देखो - 101. A 51; 9 Cal. 952; 13 C. L. 625 15 I. A. 149; 16 Cal. 71; 30 Cal. 369; 20 Bom. 450; 16 Bom.