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________________ २४ हिन्दूलों के स्कूलोंका वर्णन [ प्रथम प्रकरण ले गया है । बारसुबूत इस बातका उस पक्षपर है जो यह बयान करे कि उसने अपना क़ानून बदल दिया या उसने अपना रसम व रवाज छोड़ दिया देखो -- 27 A. 203; 2 ALJ 720; 29 C. 433; 29 I.A. 82;24M 650. (ख) हिन्दू खानदानोंसे उनकी उत्पतिके स्थानोंका हिन्दूलॉ लागू होता है, न कि उनके रहने के स्थानका । जब तक ऐसा साबित न किया जायगा तबतक उत्पतिके स्थानका लॉ ही उनसे लागू समझा जायगा W. R. 1864-56; 8 W. R. 261; 21 W.. 89; 13 W. R. 47; 1 B. L. R. (P. C.) 26; 10 W. R. ( P. C ) 35; 12 M. I A. 81. ( ग ) जब कोई हिन्दू खानदान दायभाग स्कूल मानता हो, दूसरे प्रांत में चला गया हो जहां वह न माना जाता हो तो माना जायगा कि कि वह अपने साथ दायभाग ले गया है । बारसुबूत उस पक्षपर है जो बयान करे कि उसने दायभाग स्कूल छोड़ दिया 3 Indian Cases 563; 31 A. 477; 6 A. L. J. 591. (घ) गुजरात से किसी दूसरी जगह जा बसनेवाले हिन्दू खानदान अपने साथ मयूख लॉ ले जा सकता है, जबतक कि इसके खिलाफ साबित न किया जाय 6 M. L. T. 18. (ङ) अगर कोई कहे कि किसी खानदानने दूसरी जगह बसकर अपना लॉ छोड़ दिया है तो ऐसा कहने वालेको जायदाद के मामले में यह साबित करना होगा कि उस खान्दानने जायदादके मामलेमें उस दूसरे प्रांतका लॉ स्वीकार कर लिया है 5 M. L. T. 181. (च) दूसरी जगह में बसा हुआ कोई हिन्दू खानदान अपने पहिले के स्थानका हिन्दूलॉ अब भी मानता है इसका खण्डन करनेके लिये यह कहा जा सकता है कि विवाहके सिवाय और सब कृत्य उस दूसरे स्थानके लॉके अनुसार होते हैं 6 W. R. 295 और देखो 29 I. A 70; 29 C. 483 और देखो दफा ३६ (१३) नाम बुद्धी ब्राह्मणों में हिन्दूला माना जाता है। यदि रवाज किसी बात में विरुद्ध हो तो रवाज मानी जाती है। देखो -- विष्णु बनाम अक्कापा 34 Mad. 496. घरबारी गोसाई -- चन्द खास रवाजोंके अलावा घरबारी गोसाइयों में आमतौर से हिन्दूला माना जाता है । देखो -- हरीगिरि किशनगर बनाम आनन्द भारती 1925 M. W. N. 414; 88 I. C. 343; 1925 A. I. R. 127 P. C.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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