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दफा ७९६]
दानके नियम
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दादको पूर्ण रीतिपर ग्रहण नहीं करती, जिसे मुन्तकिल करने के लिये उन्हें अधिकार दिया जाता है । इसका यह अर्थ नहीं है कि जहांपर हिचानामेकी इबारतमें, स्वामित्वके पूरे अधिकार मय इन्तकाल करने के अख्त्यिारके, काफ़ी विस्तृत रीतिपर वर्णन किये गये और दिये गये हों, तो भी अदालत हिबानामे को इस प्रकार नामंजूर कर देगी कि जिसका अर्थ दाताके इन्तकाल करनेके अधिकारका अस्वीकार करना हो। किन्तु अदालत ऐसे हिवानामे के अर्थके सम्बन्धमें, जिसे कि किसी हिन्दू पतिने अपनी पत्नीके हकमें लिखा हो, सही तरीकेपर उस ताबीरकी ओर झुकेगी, जो कि आम तौरपर एक हिन्दुके ख्याल और इच्छाके अनुसार होगी, जो कि बह जायदादके उत्तराधिकारके सम्बन्ध में रखता है और उस काननके अनुसार जिसके अधीन फरीक होते हैं। हिन्दुओंके आम झ्यालात और इच्छायें भली प्रकार प्रगट हैं और न्याय करने वाली कमेटी उन्हें भली प्रकार जानती है । जस्टिस फास्टर ने कहा कि अदालतको चाहिये कि दस्तावेज़ इन्तकाल की साधारण हिन्दू झुकावकी दृष्टि से जांच करे,वह आम तौरपर दस्तावेज़ इन्तकाल द्वारा स्नाको पूर्ण अधिकारी नहीं बनाता । इस नियम के सम्बन्धमें प्रिवी कौन्सिलके पूर्व स्पष्टीकरण के अनुसार, अदालतका विचार बहुत दूर तक इस प्रकार है कि दान पाने वाली को जायदादपर परिमित अधिकार ही प्राप्त हुआ है और तय हुआ कि यह
आवश्यक है कि कुछ न कुछ उस बातके दूर करनेके लिये, जो चुपचाप मान लिया जाता है स्पष्ट रीतिपर वर्णित हो- हितेन्द्रसिंह बनाम रामेश्वरसिंह 4 Pat. 510; 6 P. L. J. 634; 87I.C. 849; A. I. R. 1925 Patna. 625.
(३) स्त्रीके पूरे अधिकार-एक हिन्दूने अपनी स्त्रीको एक मकान दानमें दिया, दानपत्र इस प्रकार था "मेरा और मेरी संतान तथा रिश्तेदारों का कोई दावा मकानमें मेरी स्त्री या उसके वारिसोंके विरुद्ध नहीं होगा और अगर मेरा वारिस ऐसा करे तो वह दावा झठा समझा जावेगा" माना गया कि दान पूरे अधिकारों सहित है 10 Ali 495-497,
एक हिन्दूने अपनी नवयुवती पत्नीके नाम दानपत्र इस प्रकार लिखा"तुम मेरी नव युवती पत्नी हो, और तुम्हारे दो पुत्र नाबालिग़ हैं, तुम्हारे खैराती खर्च और दोनों नाबालिग पुत्रोंके भरणपोषणके खर्चके लिये मैं ऊपर लिखा तालुका तुमको दान करता हूं, तुम आजसे उसकी मालकिन हुयी, गवर्नमेण्टकी मालगुज़ारी देनेके पश्चात् जो मुनाफ़ा बचे उससे तुम अपने खैराती खर्च तथा दोनों लड़कोंके भरणपोषणका खर्च निर्बाह करो। इसलिये मैं यह दानपत्र लिखे देता हूं।" माना गया कि दान पूरे अधिकारों सहित है। 7 B. L. R. 697324 W. R. 397; 16 W. R. 300.
एक पतिने अपनी पत्नीके लिये दानपत्रमें इस प्रकार लिखा "वह सब अधिकार जो मुझे प्राप्त हैं सबके सब तुमको प्राप्त हों" आगे दानपत्रमें यह