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दान और मृत्युपत्र
[सोलहवां प्रकरण
हिबा करने के समय जीविन नहीं है उसके हक़में हिबा कर सके । दूसरी बहस यह बड़े ज़ोरोंसे कीगयी कि हिवानामा रानी किशोरीके हक़में पूरे अधिकार देता है तो हिवाका असर रानी किशोरीको जायदाद पहुंचने पर खतम होगया अब मुदईको उसके ज़रिये कोई हक़ बाक़ी नहीं रह जाता। दोनों बहसे बड़े मार्केकी थी। उस समय तककी शायद कोई नज़ीर या कानून इस सम्बन्धमें नहीं बचा जो बहसमें न लाया गया हो। अन्तमें प्रियो कौन्सिलने तय किया कि:
(१) हिवानामाकी शर्तोसे साफ मालूम होता है कि जायदाद सीमाबद्ध अधिकारों के साथ रानी किशोरीको नहीं दी गयी थी, बल्कि पूरे अधि. कारों के साथ दी गयी थी, जब एक बार हिवानामेके ज़रियेसे जायदादमें पूरे अधिकार मिलजावे तो हिचानामे में लिखी हुई उसके आगेकी शरायत बेअसर हो जाती हैं। (२) ता० ४ सितम्बर सन् १८७५ ई० में भारतमें यह कानून जारी न था कि पैदा होनेवाले किसी शख्सके हकमें कोई हिन्द दान या वसीयत कर सके । (३) बाप निजी कमाई हुयी जायदादको लड़कोंकी बिना मंजूरी सिर्फ अपनी इच्छानुसार दान या वसीयत कर सकता है। (४) दान या वसीयत करने वाले की इच्छानुसार किसी स्त्रीका स्त्रीधन बन जाता है अर्थात् यदि जायदादका पूरा मालिक किसी स्त्रीको ऐसा दान या वतीयत कर दे कि वह जायदाद उस स्त्रीका स्त्रीधन मानी जाय तो स्त्रीधनकी जायदादमें वह जायदाद भी शामिल हो जायगी जो दान या वसीयतसे इस प्रकार मिली है। दफा ७९१ लिखित नहीं बल्कि क़ब्ज़ा ज़रूरी है
हिन्दूलॉके अनुसार जायज़ दानके लिये किसी प्रकारकी लिखतकी ज़रूरत नहीं है, देखो-26 W. R. 53; 3 I. A. 259; 6 M. I. A. 267; 18 W. R. 293; दानके जिन मामलोंसे कानून इन्तकाल जायदाद लागू नहीं होता वे दान चाहे ज़बानी या लिखतके द्वारा किये गये हों, जायज़ माने जावेंगे-4 B. H. C. A. C. 31; 5 B. H C. O.C, 83; दानके जायज़ बनाने के लिये हिन्दूलॉके अनुसार उस जायदादपर दान लेने वालेका क़ब्ज़ा करा देना ज़रूरी है, देखो-4 M. H.C. 460; 4 B. H. C A. C. 31; 18 Bom. 688; 17 Bom. 486; 20 Cal. 464; 28 Bom. 449; 7 Bom. L. R. 45%; 9 Cal. 854.
किसी हिन्दू के स्वयं उपार्जित धनके हिवः करने में, उसकी विधवा बहू की परवरिशके अधिकार हस्तक्षेप नहीं करते मु० भगवन्ती बनाम ठाकुरमल 91 I. C. 476 (1); A. I. R. 1926 Lah. 198.
शों के होनेसे पूरा हक़ न होगा-अगर हिबानामा ( दान पत्र) में कोई शर्ते लगा दी गयी हों जिन शौंका असर दानकी जायदादपर पड़ताहो