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________________ क्रम २. ३. ४. ५. ६. ७. ८. १०. ११. १२. क्रम ३. ४. ५. ६. ७. ८. १४३ चक्रवर्ती दीक्षा में कितने साल तक १,००,००० पूर्व ५०,००० वर्ष १,००,००० वर्ष २५,००० वर्ष २३,७५० वर्ष २१,००० वर्ष १०,००० वर्ष ३५० वर्ष ४०० वर्ष १४४ चक्रवर्ती कौन से तीर्थंकर भ. के समय में हुए १४६ वासुदेव के नाम त्रिपृष्ठ द्विपृष्ठ स्वयंभू पुरुषोत्तम पुरुषसिंह पुरुष पुंडरिक दत्त लक्ष्मण कृष्ण ऋषभदेवजी अजितनाथजी धर्मनाथजी धर्मनाथजी शांतिनाथजी (खुद) कुंथुनाथजी (खुद) अरनाथजी भ. (खुद) अरनाथजी भ. के बाद मुनिसुव्रत स्वामी भ. नमिनाथ नेमिनाथ नेमिनाथ भ. के बाद वासुदेव के परिचय १४७ माता के नाम मृगावती पद्मादेवी पृथ्वीदेवी सीतादेवी अमृतादेवी लक्ष्मीवती शेषवती सुमीत्रादेवी देवकी ५४ १४५ चक्रवर्ती के स्त्रीरत्न के नाम सुभद्रा सुकेशा लक्ष्मी सुभद्रा पद्मश्री मदनावली कुरुमती १४८ पिता के नाम प्रजापतिराजा ब्रह्मराजा भद्रराजा सोमराजा शीवराजा महाशिर अग्निसिंह दशरथ वसुदेव
SR No.032087
Book TitleTirthankar Vandana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnatrayvijay
PublisherRanjanvijayji Jain Pustakalay
Publication Year2006
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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