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________________ क्रम १. २. ३. ४. ५. ६. ७. ८. ९. १०. ११. १२. १३. १४. १५. १६. १७. १८. १९. २०. २१. २२. २३. २४. प्रभु के प्रथम गणधर के नाम पुंडरिक सिंहसेन चारु वज्रनाभ चरमगणि सुद्योत (सुव्रत) विदर्भ दत्त वराहक आनंद कच्छप (गोशुभ) सुक्ष्म मंदर यश अरिष्ट चक्रायुध स्वयंभू कुंभ भिषक इन्द्र कुंभ वरदत्त आर्यदत्त इन्द्रभूति ५१ प्रभु की प्रथम साध्वीजी का नाम बह्म फाल्गुनी श्यामा अजिता काश्यपी रति सोमा सुमना वारुणी सुयशा (सुलसा) धारणी धरणी धरा पद्मा शिवा भाविता (शुचि) रक्षिका ( दामिनी) रक्षित बंधुमती पुष्पवती अनीला अक्षदिन्ना पुष्पचुला चंदनबाला १९ ५२ प्रभु के भक्त राजा भरत चक्रवर्ती सगर चक्रवर्ती मृगसेन राजा मित्रवीर्य राजा सत्यवीर्य राजा अजितसेन राजा दानवीर्य राजा मघवा चक्रवर्ती युद्धवीर्य राजा सीमंधर राजा त्रिपुष्ठ वासुदेव त्रिपुष्ठ वासुदेव स्वयंभू वासुदेव पुरुषोत्तम वासुदेव पुरुष वासुदेव कोणाला कुबेर नृपति सुभुम चक्रवर्ती अजित राजा विजयमहनृप हरिषेण चक्रवर्ती श्रीकृष्ण वासुदेव प्रसेनजित राजा श्रेणिक राजा
SR No.032087
Book TitleTirthankar Vandana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnatrayvijay
PublisherRanjanvijayji Jain Pustakalay
Publication Year2006
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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