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चिन्नु नगवानको स्तवनइम पनर कर्मचूमी जिके । हुआ हुस्यै अनंत । वर्तमान श्रीसाधुजी । रतनत्रई गुणवंत ॥३१॥ (म० )॥ ब्राह्मी सुंदरी राय मई । साहुणी चंदन बाल । आदिक शीलवती सती। त्रिकरण सुघ त्रिकाल ॥३२॥ (म०)॥ संवत सोल उत्तीसए। श्रीविमलनाथ सुरसाल । दिदा कल्याणक दिने। गुंथी श्रीमुनि माल ॥३३॥ (म०)॥रिणीपुरै रलीया मणो। श्रीशीतल जिण चंद । सूरविजैराजे सदा। संघ अधिक आणंद॥ ३४॥ (म०)श्रीमति नद्र सुगुरू तणें । सुपसाय सुखकार । चारित संघ वखाणीय । सदा २ जय कार ॥३५॥ (म०) मनहर श्रीमुनिमालका । गुणगण परमलपूर । कंठठ वइ नत्तम जिके। पामें सुखजरपूर ॥३६॥ (क०) महामुनीसर गावतां सुरतरु सफल समान । अष्ट महा सिधि घरफलै । सदा २ कल्याण ॥३८॥ (म०)॥ इति मुनिमालका संपूर्ण ॥ ॥ ॥ ॥ ॥
॥ॐ॥ वर्तमान चोवीसीवंडूं। मन सूधै नितमेवरी माई। षन अ जित संनव अभिनंदन । सुमति पदम अनुसेवरी माई ॥१॥ (वर०) श्रीसुपार्श्व चंद्रप्रनु प्रणमुं । मुविध शीतल श्रेयांसरी माई। वाशपूज्य विम ल अनंत धरम जिन । शांति कुंथु परसंसरी माई ॥२॥ (व० ) अरजि न मल्लि अनें मुनि सुबत । नमि नेमि पाश जिणंदरी माई। चोवीशमा श्रीबीर जिणेसर । प्रणमुं परमाणंदरी माई ॥३॥ (ब०)॥ ढाल २॥ प्रहशम सूधा साधु नमुं नित (एहनी)। नित नित अतीत चोवीशी नमी यै । जेहना नाम प्रगट ए जाण । केवलन्यानीने निरवाणी। सागर महा जश विमल वखाण ॥ ४॥ नि०)। सर्बानुभूति श्रीधर दत्त जिनवर । दामोदर सुतजा श्री स्वामि । मुनिसुव्रत सुमति शिवगति जिन । श्री अं स्ताग नेमीसर नाम ॥ ५ ॥ ( नि० ) ॥ अनिल यशोधर तेम कू तारथ । श्री जिनेसर सुधमति सुजगीस। शिवकर स्पंदन संपतिनामें। वंदीजै जिनवरचौवीश ॥ ६ ॥ (नि०) (ढाल३) सफल संसारनी ॥ जे नविस्संति अनागए कालए । तेहचौवीश प्रणमीस त्रिहुं कालए। प्र थम महाराज श्रेणक तणो जीवए । श्रीपदमनाभ प्रणमीस सदीवए ॥१॥ वीरनो पितरीयो नाम सुपासए । हुसी जिन बीय सुरदेव सुप्रकासए
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