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रत्नसागर.
राय । ए सहु लक्षण मुजने नंदन ताहरा तेजना । तेदिन संत्राने आनं द अंग न माय ॥ हा० ॥ ३ ॥ करतल पगतल लक्षण एक हजारनें व े । तेहथी निश्चय जाएया जिनवर श्री जगदीश । नंदन जमणी जंगें लंबन सिंह बिराजतो । में पहले सुपने दीठो विशवा वीश ॥ हा० ॥ ५॥ नंदन नवला बंधव नंदीवर्धनना तमे । नंदन जोजाइयोना देवरको सुकुमाल हसशे जोजाइयो कही देवर माहरा लामका । हसशे रमशेनें वली चुंटी खणशे गाल । हशशे रमशे नें वली कुंसा देशे गाल || हा० ॥ ६ ॥ नंदन नवला चेमा राजाना जाणेज हो। नंदन नवला पांचशें मामीना जाणे ज बो । नंदन मामलियाना जाणेजा सुकुमाल । हशशे हाथे न वाली कहीने नाहना नाणजा । श्रांख्यो प्रांजी ने वली टबकुं करशे गाज ॥ हा० ॥ ७ ॥ नंदन मामा मामी लावशे टोपी आगलां । रतने जमीमा कालर मोती कशबी कोर। नीला पीलानें वली राता स वे जातिनां । पहेरावशे मामी मारा नंद किशोर ॥ हा० ॥ ८ ॥ नंदन मामा मामी सूखमली सहु जावशे । नंदन गजुवे जरशे लाडू मोती चूर | नंदन मुखमां जोड़ने लेशे मामी नामणां । नंदन मामी कहेशे जीवो सुख भरपूर | हा० ॥ ९ ॥ नंदन नवला चेडा मामानी साते सती । मा री मत्रीजीने बेन तमारी नंद । ते पण गुंजो नरवा जाखणसाई जावशे । तुमनें जोइ जोइ होशे अधिको परमानंद ॥ हा० ॥ १० ॥ रमवा काजें लावशे लाख टकानो घूघरो । वली शुका मेनां पोपट ने गजराज । सार स हंस कोयल तीतरने वली मोर जी । मामी लावशे रमवा नंद तमारे का ज ॥ हा० ॥ ११ ॥ बप्पन कुमरी अमरी जलकलशें नवरावीया । नंदन तमने मनें केलीघरनी मांहे | फूलनी दृष्टि कीधी योजन एकने मंगलें । बहु चिरंजीवो आशीष दीधी तुमने त्यांहे ॥ हा० ॥ १२ ॥ तम ने मेरू गिरिवर सुरपतियें नवराविया । निरखी हरखी सुकृत लाभ कमाय । मुखमा ऊपर वारुं कोटी कोटी चंद्रमा । वली तनपर वारुं ग्रह गणनो स मुदाय ॥ हा० १३ ॥ नंदन नवला जणवा नीशालें पण मूंकशुं । गजपर बागी बेसामी मोहोटे साज । पसली जरशुं श्रीफल फोफल नागरवेलशुं ।