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पूज्य आचार्यप्रवर श्री रत्नशेखरसूरीश्वर विरचित
श्राद्धविधिप्रकरणम् ग्रन्थका हिन्दी भावानुवाद
श्रावक-जीवन-दर्शन
* पुन: ग्रंथ प्रकाशन प्रेरक*
सिद्धान्त महोदधि, कर्म शास्त्र विशारद, सुविशाल
गच्छाधिपति, सच्चारित्र चूडामणि स्व. प.पू. आचार्य देव श्रीमद् विजय प्रेमसूरीश्वरजी महाराजा के
शिष्यरत्न वैराग्य वारिधि, आयड तीर्थोद्धारक
प.पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय
कुलचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा तथा प.पू. पंन्यासप्रवर श्री रश्मिराजविजयजी म.सा.
* हिन्दी भावानुवादक *
अध्यात्मयोगी, नवकार महामन्त्र के साधक प.पू. पंन्यास प्रवर श्री भद्रंकरविजयजी गणिवर्य के चरम शिष्यरत्न प्रभावक प्रवचनकार एवं हिन्दी साहित्यकार प.पू. आचार्यदेव श्री रत्नसेनसूरिजी म.सा.