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________________ सौर वीज पुरांकुशंकमलरीद पासादिनीय रास्वव्याप्ताऽष्टास्तं ययुगलमुवं सन्मरास प्रवाई लक्ष्मीरागो गरीमान् जगतितदभियावएलोस्यरागत रूपं सजन्ति सूजतु सुरवभरं भारती देयता व: 1061/ स्त्य UPT व पंडवप विदुमाभंपिकचरगमनं शेर षटगि वीणा कलयुग्माजाभीतितालः प्रवरदरथपत्पासिंह पार्टि / नानाबश्य पुष्प निजवर मुकुट भासयन्त वस । सन्न देवी सृजन्ति दिशतु मधुमती शर्म संघ मुदामः ।। ६५/ ................. श्वेताभामेक ननवां पृतवृषभ गति हति वासो दापरा. ... पटवागाजत्रिशला क्षफ्लपवनमुना पाशवीएम सनाधान प्रष्टी इस्तान वहति विजात शुभदो मूत्ति मातन्वती नाग देवी पापाद पामा दिखट सतत अरवी भरनी
SR No.032031
Book TitleSarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages124
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size16 MB
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