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पितात्रय ।
. जिनके कृपाछत्र की शांतिपूर्ण साया में वास करता हूं उन दानवीर प्रजा-कार्य-दक्ष, विद्याप्रेमी, दयालु तथा उदार चरित श्रीमान सर श्री क्षत्रिय कुलावतंस सप्त सहस्त्र सेनापति प्रतिनिधि श्री तुकोजीराव महाराज पवार के. सी. एस. आय. श्री देवास नरेश के पवित्र चरणारविंदों में तथा:
जिन सुविज्ञ, समाज तथा राजसेवारत प्रेमवत्सल व्यक्तिने मुझे इस संसार में जन्म दिया और जिनके व्यक्तित्व के कारण आज मैं जनता में जाना जाता हूं उन चौधरी कुलभूषण, बीसा पोरवाड़ ज्ञायीय प० ठाकुर श्री गणपतसिंहजी पदमसिंहजी के परम वंदनीय चरण-कमलों में ओर
जिनकी भाग्यवनी कन्या रत्न' का पाणिग्रहण करने से मेरा संसार-मार्ग सुखकर आनंदमय तथा समाज सेवा-युक्त हुआ उन रायठौर कुलोत्पन्न, बीसा पोरवाड ज्ञातीय इंदोर निवासि दानवीर श्री मोतीलालजी मथुरालालजी सर्राफ के चरण-पंकजों में___ यह मेरी अल्पकृति प्रेमपूर्ण आदरयुक्त अति विनीत भाव से मैं अर्पण करता हूं। ता.
विनीत, ठाकुर लक्ष्मणसिंह चौधरी।