________________
नमो नमो निम्मलदसणस्स
नसीपणे निता
मागम प्रशानुयोग-3
Folder - 12
मारा कुल किताबें - 6
थानुयोग Print भाषा- गुजराती कुल पृष्ठ 2172
મુનિ દીપ૨refસાગર
इस बारहवे फोल्डर में हमारे 6 प्रकाशनों को सम्मिलित किया है | ये PrintPublication है, 'आगम कथानुयोग' नामसे मैंने 6 किताबो का संपट बनाया है, इसमें कथानुयोग नामक अनुयोग की मुख्यता है, मूल-आगम, नियुक्ति, भाष्य, चूर्णि और वृत्ति में प्राप्त सभी कथानको को इकट्ठा करके, उन सब कथाओ को अलग-अलग विभागो में रख दिया, फिर उनका योग्य संकलन करके गुजराती | अनुवाद कर दिया और 6 किताबो में print करवा दिया | इस में है:--
तीर्थकर, चक्रवर्ती, वासुदेव, बलदेवादि उत्तम-पुरुषो के कथानक; गणधर, प्रत्येकबुद्ध, निह्नव, श्रमण, श्रमणी, और गोशालक के कथानक;
श्रावक, श्राविका, अन्यतिर्थिक, देव, देवी, प्राणी वगेरैह के कथानक तथा प्रकीर्ण कथानको एवं छोटे छोटे दृष्टांतों का समावेश हुआ है | 2 इस तरह सभी कथानकों को दस विभागोमें विभाजित किया है । प्रत्येक कथा के अंतमें ऊस कथा के सभी आगम-संदर्भ लिखे है, जिससे आप उन कथाओं के मूल स्रोत देख शकते है | छढे भाग के अंतमे मैंने प्रत्येक कथा का अ-कारादि क्रम भी लिख दिया है, जिससे कोई भी कथा आसानी से मिल शके |
भगवंत महावीर के शासनकाल में सिर्फ एक 'ज्ञाताधर्मकथा' नामक आगम में साढ़े तीन करोड़ कथाए थी, लेकिन आज 45 आगमो के मूलसूत्र, नियुक्ति, भाष्य, चूर्णी, वृत्ति इन पांचो को मिलाकर भी मै सिर्फ 852 कथाए और 187 दृष्टांत ढुंढ पाया हूँ | इसे मैने 8.75 x 5.75 की साईझ में print करवाया है |
मनि दीपरत्नसागर
Muni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages]
Mobile: +91-9825967397 Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com मुनि दीपरत्नसागर की 585...... Page 20 of 60 [......साहित्य कृतियो का परिचय ।