________________ ( 27 ) चार बड़े दरबाजे हैं। शहर में चारो ओर पक्की सडकें और विद्युत की रोशनी लगी हुई है। शहर के बाह्य प्रदेश में भी चारों दिशा में बाग बगीचे और बाडियाँ लगी हुई हैं / यहाँ मूर्तिपूजक श्वेताम्बरजैनों के 500 और स्थानकयासी जैनों के 300 घर हैं। जैनों के दोनों दलों में परस्पर संप अच्छा है / यहाँ के मूर्तिपूजक जैनों में गच्छकदाग्रह बिलकुल नहीं हैं। शहर के मध्य भाग में तपागच्छ का बडा आलिशान दो मंजिला उपाश्रय है, जो सं० 1812 में बना है / अच्छे विद्वान्मुनिवरों का उतारा इसी विशाल उपाश्रय में होता है, इसके अलावा जुदे जुदे मुहल्लों में पांच उपाश्रय और भी हैं, जो पीछे से बने हैं / गाँव से बाहर सिद्धपुर जानेवाली सडक के वांये किनारे, आध कोश के फासले पर दादावाडी स्थान है, जो हवा के लिये अच्छा है / कार्तिक और चैत्री पूनम के दिन सिद्धाचल का पट दादावाडी में ही बांधा जाता है और शहर के सभी जैन यहाँ पट के दर्शन करने को आते हैं / मूर्तिपूजकों के तरफ से जैनपाठशाला और जैनकन्याशाला स्थापित है, जिसमें जैन बालकबालिकाओं को धार्मिक तालिम दी जाती है / शहर में स्थानकवासियों का भी अच्छा स्थानक और पाठशाला है। इनके अलावा सरकारी मदर्से और स्कूल भी हैं / पालणपुर में जैननवयुवक अंग्रेजी के अधिक