________________ ( 25) वसा हुआ है / इसमें पोरवाडजैनों के 45 और ओशवाल जैनों के 5 घर हैं, जो कलहप्रिय और साधु-प्रेम विरहित हैं / जैनों के तरफ से झोला खाती हुई एक स्कूल भी है, जिसमें जैनबालकों को व्यावहारिक शिक्षा दी जाती है / यह स्कूल एक योग्य मास्तर के प्रयत्न से ही प्रचलित है, उसके अभाव में इसका चलना मुस्किली भरा है। गाँव में एक सामान्य उपाश्रय और एक जीर्णधर्मशाला है / उपाश्रय के पास छोटे शिखरवाला जिनमन्दिर है, जिसमें मूलनायक श्रीऋषभदेव की सवा हाथ बड़ी श्वेतवर्ण मूर्ति स्थापित है। 11 दांतीवाडा बनासनदी के पश्चिम तटपर यह कस्वा आबाद है। इसमें पोरवाडजैनों के 15 और ओशवालजैनों के 15 घर हैं, जो अच्छे भावुक, धर्मप्रेमी और साधु, साध्वियों की प्रेमसे भक्ति करनेवाले हैं / गाँव के मध्यभाग में एक सौधशिखरी जिनालय जो विक्रमीय 11 वीं शताब्दी का बना हुआ है और इसमें मूलनायक श्रीऋषभदेव की सर्वाङ्ग सुन्दर डेड हाथ बडी श्वेतवर्ण प्रतिमा स्थापित है। मूलनायक की अञ्जनशलाका सं० 1226 में तपागच्छनायक श्रीविजयसोमसूरि के हाथ से राउल गजसिंह के समय में हुई है / इसके सामने खेलामंडप में दहिनी तस्क श्रीपञ्चप्रभस्वामी की दो हाथ बडी सुन्दर प्रतिभा