________________ - (17) मयाचंदने बनवाया है / इसके पास ही छोटा बगीचा है, जिसमें केवडा, गुलाब, मोगरा, अमरूद, दाडिम, निम्बू, आम और केला, आदि के झाड लगे हुए हैं। इस पवित्र स्थान के उपलब्ध लेखों में इस स्थान का नाम 'वुहाडानगर' मिलता है, परन्तु मोटा-गाम वाले लोग इसका नाम 'कोटडा' कहते हैं। यह स्थान आत्मध्यानी और योगाभ्यासियों के लिये बड़ा शान्ति दायक है। 2 फुगणी यहाँ ओशवाल श्वेताम्बरजैनों के 20 घर हैं, जो भावुक हैं / गाँव में एक छोटी धर्मशाला, एक जैनपाठशाला और एक शिखरबद्ध जिनमन्दिर है, जो नया बना है, इसकी प्रतिष्ठा अभी नहीं हुई / दर्शन के लिये मन्दिर के एक छोटे कमरे में धातुमय चोवीशी विराजमान है। 3 मेर-मांडवाडा मेर नामक छोटी पहाडी की ढालू जमीन पर यह गाँव वसा हुआ है / इसमें ओशवाल जैनों के 50 घर हैं, जो विवेकशून्य और गाडी वाडी लाडी के प्रेमी यतियों के उपासक हैं। पहाड की ढालू जमीन पर शिखरबद्ध जिनालय है, जो अपनी सज-धज में अद्वितीय, सुन्दर और दर्शनीय है / परन्तु यहाँ के अज्ञानी ओशवाल