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________________ (57 ) यहाँ भावसार श्वेताम्बर जैनों के 30 घर, एक उपासरा, दो बड़ी धर्मशाला, एक लायब्रेरी और एक भव्य कारीगिरीवाला शिखर बद्ध जिनमन्दिर है जो अति प्राचीन है और इसमें मूलनायक श्रीसंभवनाथ स्वामी बिराजमान हैं ! जो दर्शनीय और तीर्थस्वरूप हैं। 34 भावनगर बम्बई हाते के काठियावाड़ में काठियावाड़ प्रायद्वीप के पूर्व किनारे के पास कांबे की काड़ी पर पश्चिम कुछ उत्तर देशी राज्य की यह राजधानी है जो बम्बइ के गवर्नर के अधीन के देशी राज्यों में का एक कसबा है। इसको लोग ' भाऊनगर' भी कहते हैं / इसको सन् 1723 में भाऊसिंह ने अपने नाम से बसाया है / यहाँ श्वेताम्बर जैनों के 700 घर और स्थानकवासियों के 300 घर हैं / शहर में छोटे बड़े नौ जिन-मन्दिर हैं। जिनमें सबसे बड़ा और रमणीय दादावाड़ी का मन्दिर है जो शहर के किनारे पर आया हुआ है। इसमें श्रीमहावीर प्रभु और आदिनाथ भगवान की मनोहर मूर्ति बिराजमान है / शहर में आनन्द प्रिन्टींग-प्रेस, जैनधर्मप्रसारकसभा, जैनात्मानन्दसभा, विजयधर्मप्रचारकसभा आदि संस्थाएँ और सरकारी लायब्रेरी देखने लायक हैं। इस के अलावा बीसा श्रीमाली बोर्डिंग, दशाश्रीमाली-बोर्डिंग, त्रिभुवन-भाणजी कन्याशाला, वृद्धिचन्द्र जैन पाठशाला, जैनशुभेच्छकमंडल आदि अच्छे प्रधन्ध से चल रहे हैं। यहाँ से कईएक साप्ताहिक और मासिक पत्र भी नियमित निकलतें हैं, जिनमें सब से पहिला नम्बर जैन ' साप्ताहिक
SR No.023534
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1925
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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