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________________ (130) श्रीवासपूज्य, श्रीऋषभदेव, श्रीपार्श्वनाथ, भगवान् की प्राचीन मूर्तियाँ विराजमान की, तथा स्वर्णमय कलश और दंडध्वज आरोहण किया।" 117 बागरा__ जोधपुर राज्य के जालोर परगने में दासपा ठाकुर का यह गाँव है / इसमें श्वेताम्बर-त्रिस्तुतिक जैनों के 250 घर, और दो बड़ी धर्मशालाएँ हैं / जैनाचार्य श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के उपदेश से यहाँ के संघने मार्बुल पाषाण का सौधशिखरी सुन्दर मन्दिर बनवाया है, जो चौवीस जिनालय है। इसकी प्रतिष्ठा संवत् 1972 महा सुदि 13 बुधवार के दिन उपाध्यायनी श्री मोहनविजयजी के प्रबन्ध से, प्राचार्य श्रीविजयधनचन्द्रसूरिजी महाराज के हाथ से हुई है। 118 सियाना___ जोधपुर स्टेट के जालोर परगने में यह छोटा कसबा है, जो खारी नदी के किनारे पर खेतला नामक छोटी पहाड़ी के नीचे बसा हुआ है / इसमें त्रिस्तुतिक श्वेताम्बर जैनों के 325 घर, दो उपासरे, दो बड़ी धर्मशालाएँ और दो सौधशिखरी जिन-मन्दिर हैं। उनमें परमाहत् राजा कुमारपाल का मन्दिर बड़ा सुन्दर है, जो खेतला पहाड़ी की ढालू भूमि पर बना हुआ है / इसमें मूलनायक भगवान् श्रीसुविधिनाथस्वामी की अति चमत्कारिणी सफेद वर्ण की सवा हाथ बड़ी प्रतिमा स्थापित है, जिसकी प्रतिष्ठाजनशलाका सं० 1214 में कलिकाल-सर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य के हाथ से हुई है।
SR No.023534
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1925
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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