________________ लिखि है। नीति और सदाचार क्या चीज है ? इसका उत्तम प्रकार से स्पष्टीकरण किया है / ग्रंथ की उपयोगिता में और भी वृद्धि इसलिये हुई है कि-ग्रंथकर्त्ताने प्रत्येक विषय के अनुकूल उस उस विषय को पुष्ट करनेवाले सुभाषित और रसिक दृष्टान्त भी दिये हैं। इसलिये सामान्य वर्ग के लिये जैसे यह ग्रंथ उपयोगी है, वैसे ही उपदेशकों के लिये भी अत्यन्त उपयोगी है। ____ संक्षेप से कहा जाय तो, यह ग्रंथ मनुष्य मात्र के लिये, फिर वह किसी भी धर्म का, किसी भी समाज का किंवा किसी भी पंथ का अनुयायी क्यों न हो, सभी को उपयोगी है। इसलिये हमारी इस श्रद्धा-मन्तव्य के अनुसार सब लोग इसका लाभ उठावे, और आत्मा को उच्च स्थिति में . लानेवाले गुणों को प्राप्त करे, यही अन्तिम अभिलाषा है।। ___इस ग्रंथ की एक हजार नकलें छपवाने में भाई भंवरमलजी लोढा ( विद्यार्थी, श्रीवीरतत्त्व प्रकाशक मंडल-शिवपुरी) की प्रेरणा से भोपाल निवासी श्रीमान् सेठ अमीचंदजी कासटियाजीने जो सहायता की है, इसके लिये हम प्रेरक व सहायक का इस स्थान पर आभार मानते हैं / श्रीयशोविजय जैन ग्रंथमाला भावनगर. प्रकाशक. फाल्गुन शु. 15,2456, धर्म सं. 8.)