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________________ नीति-शिक्षा-संग्रह घोड़ा वेग से दौड़ने वाला होता है / जिस घोड़े के पीठ के पिछले दोनों भागों (पुट्ठों) पर चक्र का चिह्न हो, वह घोड़ा अपने स्वामी की लक्ष्मी बढ़ाता है। जिस घोड़े के पिछले दोनों भागों पर शंख का चिह्न हो वह अपने स्वामी का महत्व बढ़ाता है / .. 51 घोड़े की पूंछ का स्वरूप-जिस घोड़े की पूंछ जमीन को छूती हो, वह अपने स्वामी की लक्ष्मी का विनाश करता है। जिस घोड़े की पूंछ पिछले पैरों के घुटनों के ऊपर रहती हो, अर्थात् उतनी लम्बी हो, वह अपने स्वामी के परिवार का नाश करता है / जिस घोड़े की पूंछ चमकीली कोमल गुच्छेदार और घुटने के नीचे रहती हो वह अपने स्वामी की लक्ष्मी बढ़ाता है / जिस घोड़े की पूंछ कर्कश हो, वह अपने स्वामी के परिवार का क्षय करता है / जिस घोड़े की पूंछ थोड़े बाल वाली हो, वह अपने स्वामी की लक्ष्मी का नाश करता है / जिस घोड़े की पूंछ टेढ़ी रहती हो, वह अपने स्वामी के कुटुम्ब का नाश करता है / जिस घोड़े की पूंछ अत्यन्त स्थूल (मोटी) हो, वह अपने स्वामी का विदेशगमन करवाकर वहां उसे कष्ट पहुँचाता है। जिस का लाभ दिलाता है / जिस घोड़े की पूंछ केसरिया रंग की तथा कोमल और मनोहर हो, वह अपने स्वामी की लक्ष्मी और कीर्ति बढ़ाता है।
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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