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________________ (48) सेठियाजैनग्रन्थमाला 27 हर रोज व्यायाम अवश्य करना चाहिए, व्यायाम से शरीर पुष्ट और निरोग रहता है। किन्तु व्यायाम शक्ति और प्रकृति के अनुकूल होना चाहिए / लिखने पढ़ने वालों को कुश्ती करना हानिकारक है, उन का सब से अच्छा व्यायाम शुद्ध वायु वाले मैदान में घूमना है, थोड़े दंड बैठक करना तथा मुद्गर घुमाना आदि भी अच्छा है / सैंडो की कसरत बहुत अच्छी है, इस से शरीर सुघड़ होता और ज्ञानतन्तुओं को हानि नहीं पहुँती / यदि भासनों का अभ्यास किया जाय तो सब से उत्तम है। श्रमजीवियों के लिए कुश्ती भी लाभदायक है। 28 विद्वानों की दो शक्तियों मानी गई हैं। लेखन- शक्ति और वक्तृत्व- शक्ति / जिस में इन दो शक्तियों में से एक भी शक्ति नहीं है, वह कुछ भी काम नहीं कर सकता; इसलिए आप को लेख-शक्ति और वक्तृत्व-शक्ति का विकास करना चाहिए। 26 कण्ठस्थ विद्या ही वक्त पर काम आती है। और पुस्तक की विद्या पुस्तक में ही रह जाती है; मोके पर काम नहीं देती- इसलिए जो ग्रन्थ या ग्रन्थ का भाग कण्ठस्थ करने योग्य हो, उसे अवश्य कण्ठस्थ करो, 30 स्कूल, विद्यालय, लाइब्रेरी आदि संस्थाओं में कोई छात्र दूसरे की बेअदबी, मजाक खोटीशिकायत और कलह न करें, तथा अशान्ति नफैलावें, एवं अश्लील शब्दों का उच्चारण न करें। यदि भाप
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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