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________________ नीति-शिक्षा-संग्रह (41) ही अच्छी बनेगी / जब दवाएँ खूब घुट जावें, तब चने समान गोलिया बना ली जायँ / जिन्हें पतले दस्त लगते हों, उन्हें एक एक गोली दिन में दो तीन बार मोठ के साथ निगलवाओ / खाने को हलका भोजन दो / पानी बिल्कुल थोड़ा पिलाओ। मिहनत और स्त्री- प्रसंग से बचाओ इन गोलियों के सेवन करने से दस्त की बीमारी में बहुत ही चमत्कार नजर आता है। (2) अगर पेट में जलन होती हो और पतले दस्त लगते हों तो आम के वृक्ष की अन्दर की छाल दही में मिलाकर रोगी को खिलाना चाहिए / (3) एक तोला जायफल को पीस गुड़ में मिला, तीन 2 माशे की गोलिया बनाली ज.वें और जिसे अजीर्ण या बदहजमी के दस्त होते हैं, उसे प्राध 2 घंटे में एक 2 गोली खिलाकर, ऊपर से गर्म जल पिलामो / बदहज़मी के दस्त इस दवा से बहुत जल्दी माराम होते हैं / (4) दो माशे जावित्री लेकर महीन पीसली जाय पीछे उस चूर्ण को दही में मिलाकर 11 दिन तक खिलाया जाय, तो भारी से भारी हर तरह के दस्त अवश्य आराम होते हैं / (5) कुछ आवले लेकर घी में पीस लिये जायँ, पीछे उन पावलों की लुगदी से नाभि के चारों तरफ दीवार सी बना दी जाय, उस दीवार के भीतर नाभि पर अदरख का रस भर कर थोडी देर तक वैसाही रहने दिया जाय, तो दस्त बन्द हो जाते हैं / यह दस्त बन्द करने में राजा है। पानी के समान दस्त भी
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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