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________________ सेठियाजैनग्रन्थमाला पाठ 22 स्वास्थ्यरक्षा. (4) निद्रा. प्रत्येक प्राणी को अपनी जिन्दगी बनाए रखने के लिए. नींद की अनिवार्य आवश्यकता है / प्राचीन समय में प्राणदण्ड के अपराधियों को इसलिए नहीं सोने देते थे कि जिससे वे विना मारे ही मर जावें / ____ सारे दिन काम में लगे रहने से शरीर और मन दोनों ही थक जाते हैं / भोजन करने से हमारे शरीर में बल पाता है और नाद लेने से भोजन पचता है / जैसे दिन भर खींचा जाने से कुंए का पानी उतर जाता है और रात में फिर ज्यों का त्यों पूरा हो जाता है / तैसे ही सारे दिन पग्भ्रिम करने से जो थकावट आती है, रात में सोने से वह दूर हो जाती है और नवियत हरी हो जाती है। इसलिए बलवान और निरोग रहने के लिए सोना बहुत आवश्यक है / परन्तु जैसे आवश्यकता से अधिक भोजन से लाभ के बदले हानि होती है वैसे ही आवश्यकता से अधिक सोने से भी अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। युवक मनुष्यों की अपेक्षा बालकों को अधिक नींद की आवश्यकता होती है / बारह बर्ष के बालकों को प्रति दिन 6 घंटे सोना चाहिए तथा तरुणों को 7 घंटे / गेगी को नौद का अधिक पाना उसकी निरोगता का लक्षण
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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