________________ नीति-शिक्षा-संग्रह (3) अगर किसी मनुष्य को सर्प ने काटा हो, तो उसे कड़वे नीम के पत्ते नमक और काली मिर्च चबाने को दो / यदि उसे नीम के पत्ते कड़वे न मालूम हो तो समझो कि अवश्य सर्प ने काटा है। जब तक जहर न उतर जाय, बराबर नीम के पत्ते चबवाते रहो, मथवा नीम की छाल या नीम के पत्तों का रस निकाल. निकालकर पिलाते रहो; जब नीम के पत्ते या रस कड़वे लगने लगे, तब समझना चाहिए कि जहर उतर गया / प्रायः सभी गाँव के लोग सांप के काटे हुए को नीम के पत्ते चत्रवाया करते हैं / (4) नीम गिलोय'को डेढ़ पाव जल में पीसकर पिलाने से उलटियाँ होने लगती हैं और अक्सर सर्प का विष उतर जाता है / (5) कालीमिर्च एक भाग, सेंचा नगक एक भाग, और कड़वे नीम के फल दो भाग, इन तीनों को पीसकर शहद के साथ देने से सभी तरह के. विष उतर जाते हैं / (6) सफेद कनेर के सूखे फूल, कड़वी तम्बाकू और छोटी इलायची के बीज, इन तीनों को महीन पीसकर कपड़े से छान लो,पीछे उसे सांप के काटे हुए को मुँवाओ, इससे सर्प का विष उतर जायगा। 63 नेत्र रोग नाशक दवाएँ ---- (1) सेंधा नमक और मिश्री को बराबर 2 लेकर खूब महीन पीस लो,पीछे सलाई से आँखों में आजो, मोतिया बिन्दु और जाला अवश्य कट जायगा / (2) ऑग्वे दुग्वती हो, तो चिरचिरे की जड़ और जरा सा सेंधा नोन मिलाकर पीस लो। पीछे उस चूर्ण को तांबे के बरतन में डालकर दही के पानी