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________________ [80] सेठियाजैनग्रन्थमाला 7 नीचकुल में पैदा होने ही से नहीं,किन्तु कर्तव्यभ्रष्ट होने से हर एक व्यक्ति घृणास्पद होता है। अकबर मुसलमान था, पर था अहिंसाधर्म का अनुयायी। 8 कुटेवें जीवन को बर्बाद कर देती हैं / जो एक बार जिस कुटेव का शिकार हो जाता है, उसका उस से बड़ी कठिनाई से पिण्ड छूटता है / सब से अच्छा यही है कि हम किसी आदत के बश-वर्ती न बनें। नेता बनने के लिये ब्रह्मचर्य, वीरता, आत्मत्याग, कर्तव्यनिष्ठा, सहानुभूति, दृढ़ता, निर्बलसहाय,सतत-उद्योग, प्रेम-प्रचार, समय का सदुपयोग, ईश्वरभक्ति, निर्मोहिता और बन्धुभाव की बहुत आवश्यकता है। 10 अहिंसा वीर का भूषण है / धर्म का मुकुट है। उसे कायरता की निशानी कहना नादानी है, और धर्मविषयक अनभिज्ञता की निशानी है। इन्द्रियों के गुलाम पामर प्राणी अहिंसा का महत्व क्या जानें! 11 मिथ्या भाषण करना मानों अपनी प्रतीति न करने के लिये कहना है। क्योंकि निश्चय से असत्यवादी का कोई विश्वास नहीं करता। 12 चोर कभी सुख सन्तोष नहीं पाता / उसके
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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