________________ सेठियाजैनग्रन्थमाला काला पत्थर मिलता है / उस पत्थर में ऐसी शक्ति होती है कि वह लोहे को अपनी तरफ खींच लेता है। जिस लोहे को पत्थर खींचता है, वह उससे चिपट जाता है। उसे बड़ाने से मालूम हो जाता है कि पत्थर अपनी ओर खींच रहा है। ऐसे काले पत्थर को चुम्बक या लोहचुगा कहते हैं। ___संसार के लोग कब से चुम्बक को जानते और काम में लाते हैं? यह बात विद्वानों को अब तक निश्चित रूप से मालूम नहीं हुई / लेकिन, कहते हैंप्राचीन काल में गुजरात देश में एक मन्दिर था। उस में एक प्रतिमा अधर लटकी हुई थी। जब मन्दिर पर आघात हुआ, और मन्दिर तोड़ने की इच्छा से धार कोनों में से एक कोना गिराया गया,तो मूर्ति भी गिर गई। इसके सिवा संस्कृत भाषा के प्राचीन ग्रन्थों में भी इसका उल्लेख पाया जाता है / इससे सिद्ध होता है कि उस समय भारतवर्ष के लोग चुम्बक का उपयोग करना भली भांति जानते थे। उस समय भारतबर्षियों का चुम्बक सम्बन्धी ज्ञान ऊंचे दर्जे का था। उस समय से लगा कर अब तक यदि उस की उन्नति होती रहती, तो न जाने इस समय वह कितनी उन्नत दशा में होता।