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________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा इसलिये उमने घर के सामने अपना आसन जमाया। एकवार रत्नों की परीक्षा के लिये राजा ने सागर सेठ को बुलाया / इतने में एक फ़कीर उसके घर आया और बेटों की बहुओं ने भोजन देकर उसे संतुष्ट किया / फकीर बहुत प्रसन्न हुआ। उसने स्त्रियों को एक मन्त्र बताया और कहा-यह मंत्र पढ़ कर, किमी काठ पर उड़द फेंक कर उससे कहना "अमुक जगह पहुँचा दे" तो वह काठ मंत्र की शक्ति से वहीं पहुँचा देगा। इतना कह कर फ़कीर चला गया। चारों स्त्रियों ने मिल कर एक मोटासा लक्कड़ मकान में रख छोड़ा / सागर सेठ को इस प्रपंच की ज़रा भी खबर नपड़ी। एक नाई सागर मेट की चरगा चंपी करने के लिये मदा आया करता था। एक दिन उसने उस मोटे और भारी लकड़ को देख कर सोचा-यह भारी लकड़ यहां कैसे आया होगा? हो न हो, इम में कोई गुप्त रहस्य अवश्य है / यह मोच वह नाई रात को वहीं छिप गया। जब रात हो गई और सेठ निद्रा में मग्न हो गया,नो चारों स्त्रियां लकड़ पर सवार हो कर मन्त्र के ज़ोर से रत्नदीप पहुँची और अपना मनोरथ
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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