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________________ हिन्दी--बाल--शिक्षा उससे पैदा हुआ पुण्य जिसकी सहायता करता है, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका / इस कथा से यह भी मालूम होता है कि सचे महात्माओं के बचन कभी मिथ्या नहीं होते / इसलिये उन पर अविश्वा. मन करना चाहिये। दसरे--जो किसी प्रकार के स्वार्थ की साधना के लिये कुत्सित प्रयास करते हैं, वे कभी सफल नहीं हो सकते / बालकों को यह भी समझना चाहिये कि अच्छी या बुरी घटना महात्मा पुरुषों के कहने से नहीं होती, पर जो घटना होने घाली होती है, उसकी वे कभी कभी सूचना कर देले प्रश्नावली----- तुला ना पा 14 वार में कोग और कमानान : कुल्ला चार गोमा से क्या समझे ? दामनका की रक्षा क्यों हुई। TTE पाठ ग्यारहवा. सच बोलना. जो बात जैग्मा सुनी हो, कही हो, अथवा जिस कार्य को किया हो या दूसरों को करते हुए देखा हो, उसको
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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