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________________ (7) गा ४-ड अण्डवण्ड, काण्ड। ण ढ=ढ पगढ मेण्ढक। णxण-00 विषयगा, गय=ण्य पुण्य, नगण्य / xवव कण्व, अण्वादि / तमयोग त्४क-तक तत्काल, सत्कार / त ख-रख उत्खात / त्+त-त्त कुत्ता, सत्ता / त्+थ-स्थ कत्था, पत्थर / त+नन पत्नी, यत्न / त+प-तप तत्पश्चात्, तत्पर / त्+फ-सफ लुत्फ, तत्फल। त्+म-त्मात्मा, भूतात्मक त्य-त्य सत्य, अपत्य / त्+रत्र प्रस, मित्र / ताल-तल कत्ल। त+स-त्स वत्स, कुत्सित / ____थ संयोग शु+य-थ्य पथ्य, मिथ्यादर्शन / थ+व-श्व पृथ्वी / द संयोग दु+ग-न उद्गम, मुग / दु+द-द्द हद्द, चद्दर / दुध-द्ध उद्धत, पद्धति / दु+भ-द्ध अद्भुत, उद्भव / दु+म-द्म सद्म, पद्मप्रभ / दु+य-द्य विद्या, धुर्माण / दरम्द्र द्राक्षा, दरिद्र। द+व-द्ध विद्वान,हरिद्वार / ध संयोग ध+न-न वृधन / ध+ए--ध्य अध्यवसाय, उपाध्याय / धर-ध्र व गृध। ध+व-ध्व अध्वा, विध्वंस /
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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