________________ सेठियाजैनप्रन्यमाला कफकारी और नींद को बढ़ाने वाला है। बीमार के लिए गाय का दूध जितना हितकारी है, उतना भैंस का दूध नहीं होता / बकरी का दूध- - - मीठा, ठंढा और हल्का है, रक्तपित्त, प्रतीमार, क्षय, खाँसी और जीर्ण ज्वर आदि रोगों में हितकारी है। विशेषतः बच्चों भौर गर्म मिजाज वालों को बहुत फायदेमन्द है / मेड़ का दूधखास मीठा गर्म, पथरी को मिटाने वाला, वीर्य, पित्त, और कफ को पैदा करने वाला, स्वादिष्ट, चिकना, गरम, भारी, वादी की खासी और वादी के रोगों में हितकारी है। इस की मालिश सूजन आदि रोगों में लाभ दायक है। ____48 गाय को दुहते ही जो दूध थनों से निकलता है, वह गर्म होता है इसी से उस का नाम" धारोष्ण" दूध रक्खा गया है। तत्काल का थन-दुह। गर्म दूध, (शक्तिप्रद) हल्का ठंढा, मीठा, भूख बढ़ाने वाला, वीर्य- वर्द्धक, नींद लानेवाला, कान्ति कारक, हितकारी और त्रिदोष- नाशक होता है / अनेक शास्त्रों में इस की बहुत प्रशंसा लिखी है तथा बहुत से अनुभवी पुरुष इस की अत्यन्त प्रशंसा करते है; क्योंकि यह दूध बालक से लेकर वृद्ध तक के लिए हितकारी है तथा सब अवस्थाओं में पथ्य है / दुहने के बाद जब दूध ठंढा हो जावे तो उसे गर्म किये विना नहीं पीना चाहिये / 46 धारोष्ण दूध सिर्फ गाय और भैंस का पी सकते हैं, अन्य पशुओं का कच्चा दूध मनुष्य के लिये हितकारी नहीं होता;