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________________ (s) दमा की दवा. 1 अरूसे का पूरा पौधा, जिसमें उसकी जड़, छाल, पत्ते, फूल और फल पांचों हिस्से हों, लेकर जला ले / यह राख पानी न घोलकर 2 दिन तक रख छोड़े / राख नीचे जम जायगी / ऊपर के पानी को आहिस्ते से उतार (निथार) ले / उसमें जो कुछ पानी रह जाय, उसे आग पर बरतन रख कर जलाले / यह मरूसे का सत है। इसकी थोड़ी सी मात्रा शहद में मिलाकर चाटने से दमा और खांसी को बहुत लाभ होता है / दाँतों पर इसका मञ्जन करने से दांतों के बहुत से रोग दूर होते हैं। 2 अजवायन देशी 1 तो०, जीरा सफेद 1 तो०, काला मेंमक 1 तो०, कतीरा 1 तो०, बबूल का ताजा छिलका 1 तो०, अनारों का छिलका 2 तो०, मुलहटी 3 तो०, इन सब चीजों को कूट कपड़ छान करके पानी में खरल कर धनिया बराबर गोली बनाकर सुखा ले / सुबह शाम दोपहर को 2-2 गोली खाने से दमा का रोग नष्ट हो जायगा / पुस्तक मिलने का पता. अगरचंद भैरोदान दिया जैन-शास्त्रभण्डार (लाइब्रेरी)... बीकानेर
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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