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________________ ४४ समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ । वंदित्ता नमंसित्ता इमं एयारूवं अभिग्गहं उग्गिण्हइ ।89 " कप्पइ मे जावज्जीवाए छठंछ?णं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणस्स विहरित्तए " त्ति कट्ठ अयमेयारूवं 5 अभिग्गहं ओगेण्हइ । ओगेण्हित्ता जावज्जीवाए [जाव विहरइ। तए णं से अज्जुणए अणगारे छठक्खमणपारणयंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ । जहा गोयमसामी [जाव] अडइ । तए णं तं अज्जुणयं अणगारं रायगिहे नयरे 10 उच्च० [जाव] अडमाणं बहवे इत्थीओ91 य पुरिसा य डहरा य महल्ला य जुवाणा य एवं वयासी । " इमेणं मे पिता मारिए । माता मारिया। भाया भगिणी भज्जा पुत्ते धूया सुण्हा० १४ । इमेण मे अण्णयरे सयणसंबंधिपरियणे मारिए । ” त्ति कट्ठ अप्पेगइया 15 अक्कोसंति अप्पेगइआ हीलंति निंदंति खिसंति गरि हंति तज्जंति तालेति । तए णं से अज्जुणए अणगारे तेहिं बहूहिं इत्थीहिं य पुरिसेहि य डहरेहि य महल्लेहि य जुवाणएहि य आतोसिज्जमाणे [जाव] तालेज्जमाणे 89 There is fluctuation in Mss. about ओगेण्हइ; उग्गिण्हइ; उग्गेण्हइ; AE अभिग्गह; others उग्गहं or ओग्गह; so also later when the same occu. res. 90 ABCD अडइ E विहरइ 91 A इत्थियाओ E इत्थीओ. 92 A माता मारिता CD माता मारिया BE drop; CE has are others not; as E implies मारिया or मारिए as it fits, is to be put after each word.
SR No.023493
Book TitleAntagadanuttarovavaiyadasao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM C Modi
PublisherGurjar Granth Ratna Karyalay
Publication Year1932
Total Pages354
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, agam_antkrutdasha, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size18 MB
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