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________________ ६७ थेरेहिं सद्धिं विउलं तहेव दुरूहइ । नवरं सोलस वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उड़े चन्दिमसोहम्मीसाण [ जाव] आरणच्चुए कप्पे नवयगेवेज्जविमाणपत्थडे उडूं दूरं वीईवइत्ता विजयविमाणे देवत्ताए उववण्णे । तए णं थेरा भग- 5 वंतं जालिं अणगारं कालगयं जाणित्ता परिणिव्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति । करित्ता पत्तचीवराई गेहंति। तहेव उत्तरंति [ जाव] इमे से आयारमंडर 'भंते' त्ति भगवं गोयमे [जाव] एवं क्यासी। "एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी जाली 10 नामं अणगारे पगइभदए । से णं जाली अणगारे कालगए कहिं गए, कहिं उववण्णे ?।" ___ "एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी तहेव जहा खंदयस्स [ जाव ] कालगए उद्धं चंदिम [जाव] विजए विमाणे देवत्ताए उववणे ।” “जालिस्स: णं भंते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ?।" writes एवं जा चेव खंदगवत्तव्वया etc. Barnett has गुणरयणं तवोकम्मं जहा खंदयस्स । एवं जा चेव खंदयस्स वत्तव्वया etc. (A) जं चेव (C) जावेव (D)(E) जाव 3. Barnett दुरुहइ AC दुरुहति BDE दुरूहति 4. Barnett. वीइवइत्ता ABCD वीतिवइत्ता E वीतीवतित्ता 5. Barnett. ABCD उत्तरंति E ओयरंति 6. It is remarkable that MSS. awefully blunder even in spelling जालिस्स A जारिस B. जाणिस CE जालिस्स D जालिस 7. Barnett ABDE केवइ (ति) यं C केवईयं 15
SR No.023493
Book TitleAntagadanuttarovavaiyadasao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM C Modi
PublisherGurjar Granth Ratna Karyalay
Publication Year1932
Total Pages354
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, agam_antkrutdasha, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size18 MB
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