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________________ १५० स्वयंभूच्छन्दः ज्योस्निका 1.11 (मरमयलग 14) भ्रमरविलसिता P. 6.20 (मभनलग) तन्वी 1.62 (भतनसभभनय 24) मकरन्दिका 1.52 (यमनसजजग 19) तोटक (तोणक) 1.16 (रजरजर 15) मञ्जरी 3.13 (12, 8, 16, 20) दण्डक 1.67 मणिगुणनिकर 1.18 (4 न + स; Y.s) दोधक P. 6.18 (भभभगग 11) मत्तमातंगलीलाकर दण्डक 1.78 (any रगण) नन्दिनी 1.2 (सजसजग 13) मत्ता P. 6.12 (मभसग) नन्दीमुखी 1.5 (ननततगग 14) मत्ताक्रीडा 1.61 (ममतननननलग 23) नाराच P. 6.4 (तरलग 8) मदनललित 1:24 (मभनमनग 16) निःश्रेणिका P. 6.19 (रजरलग 11) मदिरा 1.58 (7 भ + ग 22) पङ्क्ति P. 6.11 (रयजग 10) मद्रक 1.59 (भरनरनरनग 22) पञ्चचामर 1.20 (जरजरजग 16) मध्यमा P. 6.3 (स or य) । पणव P. 6.16 (मनजग 10) मन्दाक्रान्ता 1.28 (मभनततगग 17) पणव 1.66 (ममत + 4 न + ल + जभर 40) मयूरसारिणी P. 6.13 (रजरग 10) पथ्या 3.8 (4 + लगगग - 4 + लगलग)x2 माणवक P. 6.7 (भतलग 8) पथ्यावक्त्र 3.8 (4 + लगलग - 4 लगगग) x2 मालावृत्त 1.66 (ममतनननन +15 ल+जभर) पदचतुरूवं 3.11 (8, 12, 16, 20) मालिनी 1.13 (ननमयय 15) पद्म 1.32 (नसमततगग 17) मेघमाला दण्डक 1.76 (G ल+6 ग+any य) पिपीडिका 1.66 S. पिपीलिका यववती 2.11 (रजरज-जरजरग)x) पिपीलिका 1.66 (ममत + 4 न + जभर 30) रथोद्धता P. 6.22 (रनरलग 11) पिपीलिकापणव 1.66 S. पणव रम्भा 1.50 (यमनसररग 19) पिपीलिकाकरभ 1.66 S. करम रुक्मवती P. 6.15 (भमसग 10) पिपीलिकामाला 1.66 S. माला रुचिरा 1.1 (जभसजग 13) पुष्पदाम 1.48 (मतनसररग 19) रोहिणी 1.33 (नसममयलग 17) पुष्पिताग्रा 2.9 (ननरय-नजजरग)x2 लक्ष्मी 1.10 (मरततगग 14) पृथ्वी 1.26 (जसजसयलग 16) ललित 3-3 (सजसल-नसजग-ननससप्रचुपित 3.4 (मसजभगग-सनजरग-ननस सजसजग) नननजय) ललित 1.60 (नजभजभजभलग 23) प्रतिष्ठा P. 6.3 (जग 4) ललित 1.41 (ननमतभर 18) प्रत्यापीड 3.12 (पदचतुरूवं with two tong लवली 3.13 (16, 12, 8, 20) ___ at the beginning; S. note) लीलाकर दण्डक 1.72 (G ल+12 र) प्रहरणकलिका 1.7 (ननभनलग 14) वंशदल 1.30 (भरनभनलग 17) बृहतिका P. 6.8 (ननर 9) वंशपत्रललि(=पति)तं 1.31 S. वंशदल भद्र विराटिका 2.10 (तजरग-मसजगग)x 2 वक्त्र 3.8 (4+ लगगग) भद्रिका P. 6.23 S. सुभद्रिका । वर्धमान 3.5 (मसजभगग-सनजरग- ननसननस भावाक्रान्ता 1.35 (मभनरसलग 17) -नननजय) भुजगशिशुसृता P. 6.10 (ननम 9) वसन्ततिलक 1.3 (तभजजगग 14) भुजंगविजृम्भित 1.65 (ममतनननरसलग 26) वातोमि P. 6.25 (मभतगग 11) भुजंगविलास दण्डक 1.82 (any भगणs + गग) विपरीत आख्यानिका 2-7 (जतजगग-ततजगग) भ्रमरपद 1.38 (भरनननस 18) वेगवती 2.1 (सससग-भभभगग) x2
SR No.023463
Book TitleSwayambhuchand
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH D Velankar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1962
Total Pages292
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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